इथोपिया से पोचारी पहुंचा कोलेश्वर का शव, गांव में मातम
जागरण संवाददाता गिरिडीह गुरुवार सुबह कोलेश्वर महतो का शव अफ्रीका के इथोपिया से बगोद
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : गुरुवार सुबह कोलेश्वर महतो का शव अफ्रीका के इथोपिया से बगोदर के पोचरी गांव लाया गया तो परिजनों के चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। कोलेश्वर का पार्थिव शरीर 16 दिन बाद बुधवार को सेवा विमान से रांची लाया गया। वहां से एंबुलेंस में गांव पोचारी लाया गया।
शव देखने के साथ कोलेश्वर की पत्नी टेकनी देवी का रोते-रोते बुरा हाल हो चुका है। वह लगातार अचेत हो जा रही हैं। आस-पास की महिलाएं उसे संभाल रही हैं। वह अपने पति के खोने के गम में किसी की नहीं सुन रही हैं। पत्नी यह कहते हुए अनवरत रो रही हैं कि हम केकर बिगड़ले रहनी हा, अब हमनी के केकरा सहारे रहब। पत्नी यह कह कर दहाड़ मार रही हैं कि मुझे क्या मालूम कि मेरे पति मुझे ठुकरा कर जिदगी के उस दहलीज पर ले जाकर खड़ा कर देंगे कि जहां आंखों के आंसू ही सूख जाएंगे। विधवा पत्नी के विलाप से अन्य लोग भी मर्माहत हो रहे हैं।
इसके पूर्व मृतक कोलेश्वर महतो का शव 16 दिन बाद जैसे ही उनके घर पहुंचा तो बूढ़े, नौजवान उसके घर की तरफ दौड़ पड़े। कोलेश्वर के पुत्र कामेश्वर महतो, कृष्णा कुमार व बेटी सरस्वती कुमारी पिता के शव को देख बिलख रहे थे।
बताते चलें कि 10 जनवरी 2022 को कोलेश्वर महतो की मौत अफ्रीका के इथोपिया में काम के दौरान केबल पुलिग मशीन से तार खींचने के दौरान अचानक रस्सी टूटने से हो गई थी। वह टाटा पावर ट्रांसमिशन कंपनी में काम करते थे। कोलेश्वर की मौत के बाद कंपनी ने मुआवजा देने में आनाकानी करना शुरू कर दिया। दबाव बनाने पर कंपनी 25 लाख रुपये का मुआवजा देने को राजी हुई।