बढ़ते गए कोरोना मरीज, नहीं बढ़ी ऑक्सीजन की खपत
गिरिडीह कोरोना महामारी के इलाज में आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की बड़ी भूमिका होती है। श्
गिरिडीह : कोरोना महामारी के इलाज में आक्सीजन एवं वेंटिलेटर की बड़ी भूमिका होती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमितों की जान चली जाती है। कोरोना संक्रमण की स्थिति गिरिडीह जिले में खतरनाक होती जा रही है। गिरिडीह जिले में अब तक 2822 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। खुशी की बात यह है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके अनुपात में यहां ऑक्सीजन की खपत नहीं बढ़ी है। ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ी है। इस कारण पूरे गिरिडीह जिले के सरकारी एवं निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का कोई संकट नहीं है। यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कोरोना संक्रमण के बावजूद ऑक्सीजन की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। कोविड अस्पतालों में तो अब तक मात्र एक सिलिंडर की खपत हुई है। चार सिलिंडर दिया गया था, जिसमें मात्र एक की ही अभी तक खपत हुई है। तीन सिलिंडर अभी भी वहां पड़ा हुआ है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार सदर अस्पताल, मातृ शिशु कल्याण केंद्र समेत जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल मिलाकर प्रत्येक महीने करीब 15 से 18 गैस सिलिंडर की खपत हो रही है। पहले यहां प्रतिमाह दस से बारह सिलिंडर खपत होती थी। बताते हैं कि ऑक्सीजन की खपत बारिश के मौसम में अधिक होती है। खपत में जो बढ़ोतरी हुई है, वह कोरोना की वजह से नहीं है। बरसात के मौसम में हर साल खपत बढ़ जाती है। सड़क हादसे के शिकार लोगों के लिए ऑक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ती है। जहां तक निजी अस्पतालों का सवाल है, तो अधिकांश बंद हैं। जो चालू भी हैं, वहां मरीजों की संख्या बहुत ही कम है। इस कारण निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत और भी कम है। ऑक्सीजन के प्लांट गिरिडीह, गोविदपुर, जसीडीह, देवघर आदि जगहों पर है। इस कारण ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई दिक्कत भी नहीं है।
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अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।
प्रवीर मुर्मू, प्रबंधक सदर अस्पताल
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कोरोना संक्रमण के कारण ऑक्सीजन की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पिछले चार साल से ऑक्सीजन की कीमत नहीं बढ़ी है जबकि ट्रांसपोर्टिग खर्च बढ़ गया है। 190 रुपये प्रति सिलिंडर ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। जो लोग सक्षम नहीं हैं, उन्हें मारवाड़ी समाज की ओर से निश्शुल्क ऑक्सीजन देने की भी व्यवस्था है।
राहुल केडिया, आपूर्तिकर्ता