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प्रधानाध्यापक की कुर्सी को लेकर थम नहीं रहा विवाद

खोरीमहुआ (गिरिडीह) धनवार प्रखंड के लाटो नायक उच्च विद्यालय नावागढ़चट्टी में पिछले दिन

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 05:07 AM (IST)
प्रधानाध्यापक की कुर्सी को लेकर थम नहीं रहा विवाद
प्रधानाध्यापक की कुर्सी को लेकर थम नहीं रहा विवाद

खोरीमहुआ (गिरिडीह) : धनवार प्रखंड के लाटो नायक उच्च विद्यालय नावागढ़चट्टी में पिछले दिनों उपजी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। हालांकि कोरोना के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन स्थगित होने से इसका कुछ खासा असर नहीं पड़ रहा है पर उपजी समस्या का समाधान होना अत्यंत आवश्यक है।

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मामला क्या था : एक माह पूर्व स्थानीय व्यक्ति राजेश कुमार ने विद्यालय के शासी निकाय और शिक्षकों पर पांच बिदुओं के साथ कई मामलों को उठाते हुए स्पष्टीकरण और जांच करने का एक मांग पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपा था। डीईईओ के निर्देश पर धनवार के बीईईओ किशोर कुमार मामले की जांच करने विद्यालय पहुंचे जहां परिवाद पत्र में उल्लेखित पांचों बिदुओं पर जांच पड़ताल की थी और स्पष्टीकरण मांगा था। इसमें निर्धारित तिथि पर शासी निकाय के गठन के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए विद्यालय के सचिव बरमेश्वर प्रसाद ने कहा था कि कोरोना के कारण यह समय उपयुक्त नहीं है। शासी निकाय के सभी सदस्यों से राय मिलाकर मामला सामान्य होने पर जल्द ही इस पर विचार किया जाएगा। विद्यालय में अधिकांश शिक्षकों के बीएड योग्यताधारी नहीं होने के विषय पर शिक्षकों ने उनके शैक्षणिक योग्यता के सर्टिफिकेट की छाया कॉपी प्रस्तुत की और अपना-अपना स्पष्टीकरण रखा। प्रधानाध्यापक प्यारी नायक सीपीएड हैं, के जवाब में उन्होंने स्वीकारते हुए अपने कागजात दिया। शिक्षक मुबारक अली ने कोलकाता के सिस्टर निवेदिता महाविद्यालय से बीएड किए जाने का डिग्री प्रमाण जमा किया था। गोपाल शरण सिंह ने अप्रशिक्षित होने पर अपने स्पष्टीकरण में बीएड किए जाने के सर्टिफिकेट की छायाप्रति उपलब्ध करवाई थी।

तब क्या हुआ : आवेदन के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बीईईओ को मामले से अवगत करवाते हुए, आवेदन में जिक्र किए गए बिदुओं पर जांच और स्पष्टीकरण के उपरांत तलब करना निर्देशित किया था। इसी को लेकर विद्यालय में डीईईओ ने दोनों पक्षों को बुलाकर क्रमश: उनके स्पष्टीकरण और मंतव्यों को सुनते हुए अपने जांच प्रतिवेदन का प्रपत्र दस्तावेजों के साथ संलग्न कर डीईईओ को अग्रसारित किया था।

फिलहाल उन सभी बिदुओं पर किसी प्रकार का स्पष्टीकरण नहीं मिल पाने और कदम ना उठाए जाने से लिए गए निर्णयों के विषय में क्या हल निकलकर सामने आएगा, कुछ भी नहीं पता चल पाया है। दोनों पक्षों को अब भी डीईईओ द्वारा उठाए जानेवाले सकारात्मक कदम का इंतजार है। इसका विद्यालय से जुड़े अभिभावक भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।


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