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पिछड़ों को संगठित कर दिलाया राजनीतिक अधिकार

और राष्ट्रहित में अपना योगदान देने वाले हमेशा अमर रहते है।साथ ही वैसे व्यक्ति जिन्होंने खुद को ताम झाम से दूर रहकर दुसरो को आगे बढ़ाने का काम किया हो।वैसे शख्स थे स्व जगदीश प्रसाद कुशवाहा।जिन्होंने पूरा जीवन समाजपिछड़े और दलितों के उत्थान और उसके जीवन सवारने में लगा दी थी।वही राजनीति में भी उच्च पहुँच होने के बावजूद कभी कोई लाभ का पद नही लिया।एक किसान परिवार में जन्मे स्व कुशवाहा पहले सामाजिक कुरूतियों को दूर करने का काम किया।उन्होंने समाज

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 07:34 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:34 PM (IST)
पिछड़ों को संगठित कर दिलाया राजनीतिक अधिकार
पिछड़ों को संगठित कर दिलाया राजनीतिक अधिकार

गिरिडीह : समाज और राष्ट्रहित में अपना योगदान देनेवाले हमेशा अमर रहते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्होंने खुद को तामझाम से दूर रहकर दूसरों को आगे बढ़ाने का काम किया हो, वैसे शख्स थे स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाहा। उन्होंने पूरा जीवन समाज, पिछड़े और दलितों का उत्थान करने व उसका जीवन संवारने में लगा दिया था। राजनीति में भी ऊंची पहुंच होने के बावजूद उन्होंने कभी किसी लाभ का पद नहीं लिया। एक किसान परिवार में जन्मे कुशवाहा ने पहले सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का काम किया।

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उन्होंने समाज के लोगों को संगठित कर पढ़ाई और उच्च तकनीक की खेती पर बल दिया। उनका कहना था कि बगैर शिक्षित हुए राजनीतिक और सामाजिक रूप से उनका समाज आगे नहीं बढ़ सकता हैं। तत्कालीन बिहार के एक मंत्री से मिली उपेक्षा को उन्होंने जीवन की गठरी में बांध लिया। वहीं वे जनसंघ से जुड़ गए। छोटानागपुर क्षेत्र में जनसंघ के विचारों को आगे बढ़ाया जिसका प्रतिफल था कि उनके अनुज कोडरमा लोकसभा से चार बार सांसद बने। अपने अनुज को सांसद बनाने में किगमेकर की भूमिका उन्होंने निभाई थी। वे समाज और आम जनता से मिलकर उनके उनके सुख-दुख में साथ रहते थे।

सामाजिक दायित्वों को पूरा कर पुत्र बने थे विधायक : जनसंघ को जिले के साथ पूरे छोटानागपुर में आम जनता तक पहुंचानेवाले स्व कुशवाहा के भंडारो स्थित आवास से ही कार्यालय चलता था। कच्ची सड़क होते हुए बिहार के कई बड़े भाजपा नेता वहां आते थे। अपने भाई को चार बार संसद में पहुंचाने में अहम रोल निभानेवाले स्व. कुशवाहा के नेतृत्व में 1995 में भाजपा ने गिरिडीह, गांडेय और जमुआ विधानसभा में जीत हासिल की थी। उनके पुत्र प्रो.जयप्रकाश वर्मा 2014 में गांडेय से विधायक बने। यहां पुण्यतिथि पर कई जिले से लोग पहुंचते हैं और उन्हें अपना आदर्श मानकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।


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