बीज वितरण में घोटाले की हो जांच
फोटो - संस पीरटांड़ सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए किसानों के हित मे कई योजनाओं की धरातल पर उतारने की घोषणा करती है पर रांची से आते आते योजनाएं कहाँ रुक जाती है लोगों को पता तक नही चलता है।यहां तक कि पंचायत की सरकार मुखिया को भी मालूम नही होता कि कृषि विभाग किसानों के लिए क्या क्या कर
पीरटांड़ (गिरिडीह): सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों के हित मे कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की घोषणा करती है पर रांची से आते-आते योजनाएं कहां रुक जाती हैं यह लोगों को पता तक नहीं चलता। यहां तक कि पंचायत की सरकार मुखिया को भी मालूम नहीं होता कि कृषि विभाग किसानों के लिए क्या-क्या करता है। दैनिक जागरण ने यही पड़ताल करने की कोशिश की कि किसानों को मिलनेवाला लाभ उन्हें मिलता है या नहीं। इस बाबत जनप्रतिनिधियों से बात की गई। दर्जन भर जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है। कृषि विभाग के संचालन के लिए बीडीओ के बाद कृषि पदाधिकारी, बीटीएम, एटीएम, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी और दो दो पैक्स संचालित हैं फिर भी किसानों तक उनका हक नहीं पहुंच पाता है तो समझा जा सकता है कि किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी। हरलाडीह के मुखिया जगदीश सोरेन, बदगांवा के मुखिया गिरिजाशंकर महतो, खुखरा के उपमुखिया प्रकाश दास, चिलगा के उपमुखिया संजय मरांडी, चिरकी के पंचायत समिति सदस्य सोमरा हेंब्रम के अलावा अंबाडीह निवासी सीताराम महतो, कुड़को निवासी बढ़न वर्मा एवं खुखरा निवासी दिनेश बरनवाल ने बताया कि कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ पीरटांड के किसानों को नहीं मिल पाता है। वर्ष में दो बार वितरण को दर्जनों प्रकार के बीज आते हैं पर वह केवल उनके बीच वितरण हो जाता है जो कभी लगाते ही नहीं हैं। या तो प्रखंड कार्यालय तक से ही बीज कहां चल जाता है यह पता ही नहीं चलता है। सिमरकोढ़ी के मुखिया इमामुल अली ने बताया कि उनके पंचायत में एक कृषक मित्र ने कुछ लोगों के बीच बीज का वितरण किया है ऐसी सूचना उन्हें हैं पर उन्हें डिटेल में कोई जानकारी नहीं है। उसी तरह कुम्हरलालो के मुखिया सुभाष कुमार ने भी बताया कि पीरटांड़ की यही परंपरा बनी हुई है कि बीज का वितरण नाम मात्र का होता है।जो कुछ होता है खास किस्म के लोगों के बीच ही वितरण होता है। हालांकि उनके पंचायत में कुछ बीज का वितरण हुआ है। बहरहाल जनप्रतिनिधियों के आरोप हैं कि अगर बीज वितरण मामले की जांच हो तो किसी बड़े घोटाले की बात सामने आने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस वर्ष चुनाव के कारण यह संदेह जाहिर किया जा रहा है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इस मामले में उन्हें पूर्ण जानकारी नहीं है इसलिए बीटीएम से जानकारी लेनी होगी। तो समझा जा सकता है कि कोई खास अधिकारी के जिम्मे पूरा कृषि विभाग संभल रहा है। गौरतलब की बात है कि 1200 रुपये प्रति क्विटल धान की कालाबाजारी यहां खुलेआम हो रही है पर इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।