महिला बंदी के पुत्र ने रिम्स में नजरबंद रखने का लगाया आरोप
संवाद सहयोगी, गिरिडीह: विचाराधीन महिला बंदी मुफस्सिल थाना अंतर्गत डांडीडीह निवासी मजलुमा खातून के शव
संवाद सहयोगी, गिरिडीह: विचाराधीन महिला बंदी मुफस्सिल थाना अंतर्गत डांडीडीह निवासी मजलुमा खातून के शव का पोस्टमार्टम गुरुवार को हुआ। मंगलवार को उसकी मौत हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव गिरिडीह कारा प्रशासन को सौंप दिया गया।
इधर, महिला के पुत्र जमीर उर्फ छोटू ने आरोप लगाया कि उसकी मां की मौत के बाद उसे दो दिनों तक रिम्स में नजरबंद रखा गया। इस दौरान वहां उसे ना तो किसी से मिलने दिया जा रहा था और ना ही बात करने। उसका मोबाइल भी पुलिस ने अपने कब्जे में रखा था। मां का शव लेकर अपने घर पहुंचने पर छोटू ने यह आरोप लगाया।
रिम्स में इलाज के लिए मांगे गए रुपये: उसने बताया कि पुराने मामले में मुफस्सिल थाने की पुलिस ने उसकी मां को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय से उसे केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया गया था। कारा में मां की तबीयत काफी खराब हो जाने के बाद उसे इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया था। छोटू ने बताया कि रिम्स में इलाज के दौरान उससे रुपये मांगे गए। बाजार से दवा खरीद कर लाना पड़ रहा था। दवा खरीद कर लाने के बाद भी उसकी मां को दवा नहीं दी गयी। बाद में चिकित्सक ने उसकी मां को मृत घोषित कर दिया।
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आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। छोटू अपने मा के साथ इलाज कराने रिम्स गया था। इलाज कराने से लेकर उसके खाने-पीने तक का प्रबंध जेल प्रबंधन ने किया था। उसे क्यों नजरबंद कर रखा जाएगा?
- कौलेश्वर पासवान, जेलर सेंट्रल जेल गिरिडीह।