जैविक खाद से उपजी फसल स्वास्थ्य के लिए बेहतर
चैनपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसमाकुरहा में बुधवार को इकोवा व जैविक कृषि प्राधिकार के तत्वावधान में कृषक प्रशिक्षण सह कार्यशाला हुई।
संस, निमियाघाट: चैनपुर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कसमाकुरहा में बुधवार को इकोवा व जैविक कृषि प्राधिकार के तत्वावधान में कृषक प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने एवं इसकी व्यापक जानकारी आम किसानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया।
राज्य समन्वयक डा. विकास कुमार ने कहा कि जैविक कृषि का तात्पर्य है खेती के लिए जैविक अपव्यव, प्रयोग, रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों का परिष्कार करना है। जैविक खाद से उपजी फसल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। इसलिए सरकार इसके विस्तार को लेकर पहल कर रही है। प्रशिक्षक सह जिला समन्वयक लखपत पंडित तरूण ने कहा कि इसके तहत जैविक पदार्थ जैसे फसल अवशिष्ट, गोबर खाद, कम्पोस्ट व जैविक कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। इस विधि से मृदा की उत्पादकता व उर्वरता में वृद्धि होती है। तकनीकी विशेषज्ञ ने किसानों को आज के परिवेश में जैविक खेती के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि यह प्रशिक्षण तभी सफल माना जा सकता है जब किसान यहां से लौटकर इस सरल व पुरानी विधि से खेती को बढ़ावा दें। बताया कि प्रत्येक कृषक को एटीएम कार्ड दिया गया है, जिसमें एक एकड़ के हिसाब से 2 हजार 24 रुपये की प्रोत्साहन राशि 3 वर्षो तक दी जाएगा। इसमें दो वर्ष की राशि किसानों के खाते में जमा करा दी गई है, ताकि वे जैविक खेती के लिए प्रेरित हो सकें। कार्यशाला में प्रखंड समन्वयक उत्तीमचंद महतो, चैनपुर के मुखिया रामप्रसाद महतो, पूर्व मुखिया अंजू देवी, वीणा देवी, खिरोधर महतो, कुंजलाल महतो, भेखलाल महतो, दिलीप कुमार महतो, भीम महतो के अलावा कई महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।