आरएसएस ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गिरिडीह नगर द्वारा कृष्णा हिल बरनखंजो में शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया मौके पर अर्जुन मिष्टकार विभाग संघचालक बृजनंदन प्रसाद जिला संचालक एवं सांवरमल शर्मा वैद्य नगर संचालक उपस्थित हुए। स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए अर्जुन मिष्टकार ने कहा कि हमारे जीवन में शरद पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। शारदीय नवरात्रि की समाप्ति के पश्चात वर्ष के 12 महीनों में आज का दिन ऐसा है जो तन मन और धन तीनों के लिए श्रेष्ठ होता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। केवल शरद पूर्णिमा को ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होता है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी रहता है। आयुर्वे
गिरिडीह : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गिरिडीह नगर की ओर से कृष्णा हिल बनखंजो में शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। मौके पर विभाग संघचालक अर्जुन मिष्टकार, जिला संचालक बृजनंदन प्रसाद एवं नगर संचालक सांवरमल शर्मा वैद्य उपस्थित थे। अर्जुन मिष्टकार ने कहा कि हमारे जीवन में शरद पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। शारदीय नवरात्रि की समाप्ति के पश्चात वर्ष के 12 महीनों में आज का दिन ऐसा है जो तन मन और धन तीनों के लिए श्रेष्ठ होता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। केवल शरद पूर्णिमा में ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपूर्ण होती है और पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकट भी रहती है। आयुर्वेदाचार्य भी इस पूर्णिमा की प्रतीक्षा करते हैं। इस दिन की शीतल चांदनी में रखी खीर खाने से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं। ऐसी मान्यता है कि जब वृंदावन में भगवान कृष्ण रास रचा रहे थे तो चंद्रमा आकाश से यह सब देख रही थी और भाव विभोर होकर अपनी शीतलता के साथ पृथ्वी पर अमृत की वर्षा आरंभ कर दी। इसलिए संघ ने अपने छह उत्सवों में इस उत्सव को शामिल किया है। इसके साथ ही आज के दिन विश्व के आदि कवि महर्षि बाल्मीकि की जयंती भी है। वे मात्र कवि नहीं थे अपितु दिव्य अस्त्रों के ज्ञाता भी थे। उन्होंने लव कुश को महान योद्धा बनाया। उन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना की थी। उत्सव में सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे। स्वयंसेवकों के बीच कई प्रकार के खेलों की प्रतियोगिता हुई। अंत में संघ प्रार्थना और कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में विधायक निर्भय शाहाबादी, विभाग कार्यवाह मुकेश रंजन, संजीव शर्मा, राजेश शर्मा, संतोष खत्री, पवन कुमार केसरी, नंदन, धर्मवीर राय, सौरभ तिवारी, नलिन कुमार, डॉ. विकास लाल एवं कई स्वयंसेवक उपस्थित थे।