38 साल बाद कोनार नहर में पहुंचा पानी, किसानों में उम्मीद जगी
उतरी छोटानागपुर की महत्वाकांक्षी सिचाई परियोजना कोनार नहर में शुक्रवार को एकाएक पानी का बहाव देख लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। किसानों में उम्मीद जगी कि बहुत जल्द उनलोगों को सिचाई का पानी मिलेगा।
बगोदर (गिरिडीह) : उतरी छोटानागपुर की महत्वाकांक्षी सिचाई परियोजना कोनार नहर में शुक्रवार को एकाएक पानी का बहाव देख लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। किसानों में उम्मीद जगी कि बहुत जल्द उनलोगों को सिचाई का पानी मिलेगा। नहर में पानी आने से लोगों में चर्चा होने लगी कि ट्राइल के लिए पानी छोड़ा गया है और बहुत जल्द इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे। वही पानी देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
हालांकि कोनार सिचाई परियोजना के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि पानी बढ़ने के कारण कोनार डैम का गेट जाम होने का खतरा था। इस कारण कोनार डैम से पानी छोड़ा गया है। वही पानी नहर तक पहुंचा है। यह कोई ट्रायल नहीं था।
बताते चलें कि 38 वर्ष पूर्व इसकी आधारशिला तत्कालीन बिहार सरकार के राज्यपाल जगन्नाथ कौशल ने रखी थी। वर्ष 1978 में योजना कार्य आरंभ शुरू हुआ था। 11 करोड़ की प्राक्कलित राशि से योजना कार्य आरंभ हुआ था। बिहार सरकार के कार्यकाल में योजना पूरी नहीं हुई। अलग झारखंड राज्य गठन के बाद अर्जुन मुंडा के मुख्यमंत्रित्व काल में 2004 में नहर निर्माण कार्य में गति आई लेकिन निर्माण कार्य धीमी गति से चला। सूबे में सरकारें बदलती रहीं। इसका असर नहर निर्माण कार्य पर पड़ा। वहीं 2014 में बगोदर से पहली बार भाजपा से चुनाव जीतकर नागेंद्र महतो विधानसभा पहुंचे। उन्होंने विधानसभा के पटल पर कोनार नहर निर्माण कार्य शुरू करने की आवाज उठाई। उसके बाद रघुवर दास ने परियोजना को पूरा करने का संकल्प लिया। हजारीबाग के विष्णुगढ़ अंतर्गत कोनार में अवस्थित डीवीसी के कोनार डैम से कोनार नहर में सिचाई के लिए पानी छोड़ा जाना है। नहर के पानी से हजारीबाग के विष्णुगढ़, गिरिडीह जिले के बगोदर, डुमरी तथा बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के इलाकों में उबड़ खाबड़ तथा बंजर भूमि को सिचित किया जाना है।
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