वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 20 करोड़ का बिल पास
में नहीं रही गहमागहमी सामान्य दिनों की तरह हुआ कामकाज 300 विपत्र पारित जागरण संवाददाता गिरिडीह वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन मंगलवार को कोषागार में कोई गहमागहमी नहीं देखी गई। कोरोना वायरस का खौफ और लॉकडाउन का असर यहां भी दे
गिरिडीह : वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन मंगलवार को कोषागार में कोई गहमागहमी नहीं देखी गई। कोरोना वायरस का खौफ और लॉकडाउन का असर यहां भी देखा गया। अन्य वर्षों की तरह इस बार अधिक भीड़भाड़ नहीं रही। सामान्य दिनों की तरह साल के अंतिम दिन भी कार्यों का निष्पादन हुआ। इस दौरान करीब 300 विपत्रों को पारित किया गया, जिसमें 18-20 करोड़ रुपये की निकासी हुई।
बता दें कि विपत्रों को पारित कराने के लिए कोषागार में इस बार अन्य वर्षों की तरह 31 मार्च को भीड़ और गहमागहमी नहीं रही। सामान्य दिनों की तरह विपत्रों को पारित करने का काम हुआ। विभिन्न विभागों के कर्मियों व पदाधिकारियों में अपने-अपने विपत्रों को पारित कराने के लिए न आपाधापी मची और न ही अधिक भीड़ इकट्ठा हुई, जिस कारण पदाधिकारी और कर्मियों को भी इस बार अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। कोषागार पदाधिकारी आत्या चौधरी, प्रधान लिपिक ओम प्रकाश सहित अन्य कर्मी विपत्रों एक-एक कर जांच और पारित करने में जुटे रहे। बताया गया कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन करीब 300 विपत्र पारित किए गए, जिसकी राशि लगभग 18-20 करोड़ रुपये होगी। कोषागार पदाधिकारी ने बताया कि इस बार कितनी राशि सरेंडर हुई है, इसकी जानकारी विभागों से ही मिल पाएगी। डीडीओ ने ही राशि को ऑनलाइन सरेंडर किया है।