Move to Jagran APP

18 प्रशिक्षु आइएएस ने की माओवाद को समझने की कोशिश

संवाद सहयोगी, पारसनाथ (गिरिडीह): भारतीय प्रशासनिक सेवा 2018 बैच के 18 परीक्ष्यमान पदाधिकारिय

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 12:08 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 12:08 AM (IST)
18 प्रशिक्षु आइएएस ने की माओवाद को समझने की कोशिश
18 प्रशिक्षु आइएएस ने की माओवाद को समझने की कोशिश

संवाद सहयोगी, पारसनाथ (गिरिडीह): भारतीय प्रशासनिक सेवा 2018 बैच के 18 परीक्ष्यमान पदाधिकारियों ने संषोधित भ्रमण कार्यक्रम के तहत गुरुवार को पारसनाथ पर्वत का भ्रमण किया। इस दौरान न केवल नक्सलवाद को करीब से समझने की कोशिश की बल्कि यहां की वस्तुस्थिति से भी अवगत हुए। प्रशिक्षुओं की टीम ने देखा कि इस दुर्लभ जंगल में भी सीआरपीएफ के जवान कैसे नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं। साथ ही पारसनाथ में पर्यटन की असीम संभावनाओं को भी खंगालने की कोशिश की।

loksabha election banner

बताया जाता है कि संशोधित कार्यक्रम के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा 2018 बैच के 18 प्रशिक्षु आइएएस गुरुवार को पारसनाथ पर्वत पहुंचे। सुबह साढ़े ग्यारह बजे वे मधुबन पहुंचे तथा बाइक से पर्वत की चोटी स्थित पा‌र्श्वनाथ मंदिर पहुंचे। इसी क्रम में पर्वत पर रह रहे सीआरपीएफ कैंप के जवानों की जीवनशैली को भी समझने की कोशिश की कि कैसे प्रतिकूल स्थिति में भी वे लोग नक्सलियों से लड़ने को डटे हुए हैं। सवा दो बजे वे वापस मधुबन पहुंचे तथा मधुबन स्थित गेस्ट हाउस में बैठक की, जहां जिले के अधिकारियों ने यहां की वस्तुस्थिति से उन्हें संक्षेप में अवगत कराया। यह भी बताया गया कि पारसनाथ पर्वत पर पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। वहीं नक्सल समस्या पर आधारित लेफ्ट ¨वग पर चर्चा की गई। इस दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे नक्सलग्रस्त प्रभावित इस क्षेत्र में नक्सल समस्या से निपटा जा रहा है।

दूसरी ओर प्रशिक्षुओं के समूह का नेतृत्व कर रहे महाराष्ट्र से आए रोहण जोशी ने बताया कि भारत की विविधताओं को समझने के लिए इस तरह का भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस क्रम में सभी अरुणाचल प्रदेश व आसाम का भ्रमण कर चुके हैं। गुरुवार को झारखंड के पारसनाथ पर्वत के बारे में जानकारी ली। यह भी जाना कि समय के साथ इस क्षेत्र में किस गति से व किस प्रकार का परिवर्तन हो रहा है। एक टूरिस्ट क्षेत्र के रूप में इसका विकास किया जा सकता है।

शुक्रवार को गिरिडीह जिले की पीडीएस दुकानों के बारे में जानेंगे कि कैसे सही तरीके से इसका संचालन किया जाता है। साथ ही यहां मुहैया कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अध्ययन करेंगे। बताते हैं कि इस तरह के भ्रमण से जानकारी मिलती है कि एक प्रशासनिक अधिकारी कैसे काम करता है।

इस दौरे में अलग अलग राज्यों से 18 प्रशिक्षु शामिल हुए थे। गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक के दौरान एएसपी दीपक कुमार, डीडीसी मुकुंद कुमार दास, प्रशिक्षु आइपीएस नाथूराम मीणा, डीपीसी देवेश गौतम आदि उपस्थित थे।

बहुत कुछ सीखने को मिला: भ्रमण को लेकर सभी प्रशिक्षु आइएएस काफी उत्साहित थे। साथ ही उन्हें झारखंड के सर्वोच्च पर्वत की यात्रा का अनुभव काफी अच्छा लगा। इस बाबत दिल्ली से आई प्रशिक्षु नेहा जैन ने जागरण को बताया कि स्थल भ्रमण काफी अच्छा रहा। इस दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। शुक्रवार को ट्राइबल कल्चर को समझने का मौका मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.