खुद पढ़ा फारसी, पढ़ाया अंग्रेजी; अधिकांश बच्चे हो गए फेल
यहां अरबी के शिक्षक बच्चों को अंग्रेजी तो भूगोल के शिक्षक बच्चों को रसायन व जीव विज्ञान पढ़ा रहे हैं।
दीपक, गढ़वा। चंपा को इंटर की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से पास करने लायक अंक मिले, लेकिन रसायन में वह फेल है, नतीजा उसे फिर से परीक्षा देनी होगी। दोष चंपा का नहीं, व्यवस्था का है। जिस स्कूल में वह पढ़ती है वहां रसायन पढ़ाने की जिम्मेदारी भूगोल के शिक्षक को मिली थी और अंग्रेजी पढ़ाने का जिम्मा अरबी विषय के शिक्षक को।
प्लस टू उच्च विद्यालय धुरकी की ही बात करें तो यहां अरबी विषय के शिक्षक सरफराज अहमद बच्चों को अंग्रेजी तो भूगोल विषय के शिक्षक श्याम नंदन प्रसाद बच्चों को रसायन व जीव विज्ञान पढ़ा रहे हैं। इसका नतीजा रहा कि इन शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विषयों में इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले अधिकांश बच्चे फेल हो गए। कई ऐसे बच्चे थे, जिन्हें परीक्षा में प्रथम श्रेणी का अंक प्राप्त हुआ है। यह परिणाम तो महज एक उदाहरण मात्र है। जिले में कई ऐसे प्लस टू उच्च विद्यालय हैं, जहां शिक्षक किसी और विषय के हैं और पढ़ा कुछ और रहे हैं।
गढ़वा जिले में प्लस टू उच्च विद्यालयों का संचालन राम भरोसे है। बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में हो रही परेशानी तथा जनप्रतिनिधियों के दबाव के कारण आनन-फानन में उच्च विद्यालयों को तो अपग्रेड कर दिया गया। लेकिन न तो इन विद्यालयों में विषयवार शिक्षक की व्यवस्था की गई और न इंटरमीडिएट स्तर के बच्चों के लिए प्रयोगशाला व पुस्तकालय की ही व्यवस्था हो सकी। नतीजा सबके सामने है। कई स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चे फेल कर गए हैं। गढ़वा जिले में जमा दो उच्च विद्यालयों की कुल संख्या 19 है। इसमें जिले के सात अपग्रेडेड कस्तुरबा विद्यालय भी शामिल हैं।
शिक्षक होने के बावजूद परिणाम खराब होने पर कठोर कार्रवाई
स्कूल में शिक्षकों के कमी के कारण इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम खराब रहा है। इसकी समीक्षा की जा रही है। शिक्षक होने के बावजूद परिणाम खराब होने पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।
-रामयतन राम, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, पलामू।
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