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धरती पर जीवन रहे, इसके लिए पानी को बचाएं

धरती पर जीवन रहे इसके लिए बचाएं पानी को दैनिक जागरण के जल संसद में ग्रामीणों ने लिया जल संरक्षण का संकल्प फोटो जल संसद में उपस्थित पिपरडीह के ग्रामीण फोटो भगवान राम रविन्द्र चौबे योगेंद्र कुमार यादव दीनानाथ पासवान सुरेंद्र पासवान राजू कुमार श्री बंशीधर नगर- दैनिक जागरण के अभियान कितना-कितना पानी के तहत रविवार को पिपरडीह गांव में आयोजित जल संसद में ग्रामीणों ने भाग लिया। इसमें शामिल लोगों ने दैनिक जागरण द्वारा जल संरक्षण के प्रति चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए एक स्वर से जल संरक्षण करने का संकल्प लिया। लोगों ने कहा कि पूरे ग्रामीणों को जल का महत्व बताकर उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करूंगा। जल है तो कल है जल के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। धरती में समाते जा रहे जल स्तर का जिम्मेवार मानव जाति ही है। धरती से उजड़ते जंगल पहाड़ के कारण बरसात के दिनों में अच्छी बारिश नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 05:18 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 05:18 PM (IST)
धरती पर जीवन रहे, इसके लिए पानी को बचाएं

श्री बंशीधर नगर :  दैनिक जागरण के अभियान कितना-कितना पानी के तहत रविवार को श्रीबंशीधर नगर प्रखंड के पिपरडीह गांव में आयोजित जल संवाद में ग्रामीणों ने भाग लिया। इसमें शामिल लोगों ने दैनिक जागरण द्वारा जल संरक्षण के प्रति चलाए जा रहे अभियान की सराहना की। सभी ने एक स्वर में जल संरक्षण करने का संकल्प लिया।

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लोगों ने कहा कि पूरे ग्रामीणों को जल का महत्व बताकर उसके संरक्षण के लिए प्रेरित करूंगा। जल है तो कल है, जल के बिना धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। धरती में समाते जा रहे जल स्तर का जिम्मेवार मानव जाति ही है। धरती से उजड़ते जंगल पहाड़ के कारण बरसात के दिनों में अच्छी बारिश नहीं हो रही है। फलस्वरूप जल स्तर दिनोंदिन धरती में समाते जा रहा है। भूगर्भीय जल समाप्त होते जा रहा है। नतीजा है कि वर्तमान में ही कई इलाकों में जल का घोर संकट उत्पन्न हो गया है। पानी की किल्लत जब आज इस प्रकार है, तो भविष्य में इसकी स्थिति क्या होगी, सोच कर लोग परेशान हैं। धरती को हरा-भरा रखने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रत्येक आदमी अधिक से अधिक पौधरोपण कर उसका संरक्षण करना होगा, तभी अच्छी बारिश होगी और धरती में समाते जा रहा जल स्तर ऊपर आएगा। हमें बरसात के पानी का अधिक से अधिक मात्रा में संरक्षण करना होगा। साथ ही नदी नालों में बांध, चेक डैम आदि बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जा सकता है। डीप बोर पर प्रतिबंध भी जल संरक्षण की दिशा में कारगर कदम होगा।  - जीवन को जिस तरह हवा की जरूरत है, उसी तरह जल की भी आवश्यकता है। जल के बगैर धरती पर जीवन बचना मुश्किल है। धरती पर जीवन रहे इसके लिए हमें अधिक से अधिक मात्रा में जल संरक्षण करना होगा।

भगवान राम, मुखिया प्रतिनिधि, पिपरडीह पंचायत।  - हमारे गांव में जल संरक्षण का कई विकल्प है। इस पर प्रत्येक ग्रामीणों को ध्यान देना होगा कि इन जलाशयों में वर्षा का पानी अधिक से अधिक मात्रा में जाए। वर्षा पानी का अधिक से अधिक मात्रा में संरक्षण हो इसके लिए प्रत्येक ग्रामीण को आगे आना होगा। 

रविन्द्र चौबे, ग्रामीण।  - जल ही जीवन है। जीवन को बचाने के लिए जल को बचाना होगा। पानी की बर्बादी रोककर उसका संरक्षण करना होगा, तभी भविष्य में हमें व हमारी अगली पीढ़ी को पीने का पानी मिल सकेगा। हैंडपंप पर यूं ही बहकर बर्बाद होने वाले पानी के लिए सोख्ता बनाऊंगा। 

योगेंद्र कुमार यादव, ग्रामीण। - वर्षा जल का संरक्षण हो इसके लिए हम सबों को अपने मकान के ऊपर वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाना चाहिए, साथ ही बरसात के दिनों में यूं ही बहकर बर्बाद होने वाले पानी को रोककर उसका संरक्षण किया जा सकता है।

दीनानाथ पासवान, ग्रामीण।  - नदी नालों में बांध बनाकर व चेक डैम बनाकर बरसात के जल को संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना पड़ेगा। अच्छी बरसात हो इसके लिए हमें धरती पर अधिक से अधिक पेड़ पौधा लगाना होगा। 

सुरेंद्र पासवान, ग्रामीण।  - पानी की बर्बादी को रोककर उसका संरक्षण करना चाहिए। ताकि भविष्य में पानी की किल्लत न हो। हमें आवश्यकता के अनुसार ही धरती से पानी निकालना चाहिए। पानी नहीं रहेगा तो धरती पर जीवन भी नहीं रहेगा।

राजू कुमार, ग्रामीण। 

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