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Gadhawa News : यूपी में चमक बिखेर रहा श्री बंशीधर मव में तैयार रेशम

श्री बंशीधर नगर को एक नई पहचान प्रदान की है। यहां उत्पादित कोकून से तैयार रेशम उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में अपनी चमक ब‍िखेर रहा है। साथ ही जंगल के आसपास रहने वाले किसानों की आमदनी का बेहतर जरिया भी बन रहा है।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 08:45 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:45 AM (IST)
यूपी में चमक बिखेर रहा श्री बंशीधर मव में तैयार रेशम

श्री बंशीधर नगर(गढ़वा) संवाद सूत्र। यूं तो श्री बंशीधर नगर की पहचान यहां बिराजे श्री बंशीधर जी से होती है। लेकिन, अब यहां उत्पादित होने वाले उच्च गुणवत्ता के रेशम ने भी श्री बंशीधर नगर को एक नई पहचान प्रदान की है। यहां उत्पादित कोकून से तैयार रेशम उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में अपनी चमक ब‍िखेर रहा है। साथ ही जंगल के आसपास रहने वाले किसानों की आमदनी का बेहतर जरिया भी बन रहा है। जिले का एक मात्र प्रतिष्ठान अग्र परियोजना कार्यालय जिले के करीब 50 समूह के 1250 किसानों को रेशम उत्पादन में दक्ष कर चुका है। हर वर्ष इन किसानों को परियोजना कार्यालय द्वारा निशुल्क रूप से बीज एवं दवा उपलब्ध कराया जाता है। प्रत्येक समूह साल में औसतन ढाई लाख कोकून तैयार करता है। जिससे प्रत्येक समूह को साल में तकरीर 5 से 6 लाख की आमदनी हो रही है। कोकून उत्पादन के बाद किसान उसे अग्र परियोजना कार्यालय अथवा खुले मार्केट में भी बेच सकता है। बाजार में किसानों को प्रति कोकून 3 रुपये की दर से प्राप्त होता है। जिले में उत्पादित उच्च गुणवत्ता के कोकून उत्पादन के कारण जिले में उत्तर प्रदेश के काफी संख्या में व्यापारी कोकून खरीदने के लिए आते हैं। यदि सरकार जिले में कोकून उत्पादन एवं इसके प्रोसेसिंग पर ध्यान दे दे तो काफी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। साथ ही रेशम उत्पादन के कारण गढ़वा जिले का विश्व स्तर पर नाम भी होगा।

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एक दर्जन गांव के किसान करते हैं कोकून उत्पादन

जिले के करीब एक दर्जन गांव के ही किसान कोकून उत्पादन में लगे हुए हैं। अनुमंडल के जमुआ, अमरसरई, प्रेमनगरी, अलकर, कोनमडरा, कैलान, हरिहरपुर, रोहिनिया, केतार एवं चिनिया के 1250 किसान कोकून उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर कोकून उत्पादन कर रहे हैं। परियोजना द्वारा इन किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण, बीज एवं दवा उपलब्ध कराया जाता है।

जिले में रेशम उत्पादन के लिए हैं पर्याप्त संसाधन

जिले में रेशम उत्पादन की अपार सम्भावना है। रेशम उत्पादन के लिहाज से गढ़वा जिला काफी अनुकूल है। उच्च गुणवत्ता का कोकून उत्पादन के लिए अर्जुन, आसन एवं सीधा का पौधा काफी बेहतर होता है। जिले के सभी जंगलों में इन पेड़ों की काफी प्रचुरता है। अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़कर रेशम हब बनाया जा सकता है। साथ ही कोकून से रेशम तैयार करने के लिए प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कर एवं कताई बुनाई का प्रशिक्षण देकर काफी संख्या में रोजगार सृजन किया जा सकता है। जिससे यहां के लोगों को रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन नहीं करना पड़ेगा।

क्या कहते हैं अग्र परियोजना पदाधिकारी

अग्र परियोजना पदाधिकारी के डी यादव कहते हैं कि यदि सरकार द्वारा जिले में तसर पार्क स्थापित कर प्रोसेसिंग प्लांट लगा दिया जाय एवं लोगों को कताई बुनाई का प्रशिक्षण दे दिया जाय, तो काफी संख्या में रोजगार सृजन होगा। साथ ही यहां उत्पादित रेशम की बेहतर क्वालिटी के कारण जिले को एक नई पहचान भी प्राप्त होगी। श्री यादव ने कहा कि तसर पार्क की स्थापना के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा हूँ।


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