टीका लेने के प्रति जागरूक नहीं है सरहस्ताल के ग्रामीण
संवाद सूत्र श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) प्रखंड मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सरहस्ताल खुद
संवाद सूत्र, श्री बंशीधर नगर (गढ़वा): प्रखंड मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सरहस्ताल खुर्द गांव बसा है। गांव की कुल आबादी करीब 1000 है। सरहस्ताल खुर्द गांव का एक व्यक्ति जो दिल्ली में रहता था उसकी मौत कोविड-19 से वहीं हो गई। जबकि एक व्यक्ति रांची प्रवास के दौरान पॉजिटिव पाए गए थे। यानी गांव में कोविड-19 का संक्रमण प्रवेश नहीं कर सका है। एक जो मौत हुई वे दिल्ली में ही रहते थे। दूसरे जो पॉजिटिव हुए वह अधिकतर रांची में रहते थे। फिलहाल कार्यकाल समाप्त होने के बाद घर आ गए हैं। गांव में कोविड-19 जांच शिविर का आयोजन कर स्वास्थ्य विभाग की ओर से शक के आधार पर एक सौ से अधिक लोगों का जांच किया गया था। पर कोई पॉजिटिव मामला नहीं मिला। स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण शिविर का आयोजन कर एक सौ से अधिक लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है। टीका लगने के बाद कुछ लोग बीमार हो गए थे, जिसके कारण अब कोई भी व्यक्ति टीका नहीं लेना चाह रहा है। ग्रामीण कहते हैं कि टीका लेने के बाद लोग बीमार हो रहे हैं और इलाज में काफी रुपए खर्च हो रहे हैं। टीका लेने से मौत भी हो जा रही है गांव के युवक की कोविड-19 से दिल्ली में मौत होने व रांची में एक व्यक्ति को संक्रमित होने पर ग्रामीण सतर्कता बरतने लगे हैं। गांव घर में भी मास्क व शारीरिक दूरी सभी लोगों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। ताकि कोविड-19 का प्रवेश गांव में ना हो सके। गांव के लोग मेहनत मजदूरी करने वाले हैं। कार्य के दौरान भी शारीरिक दूरी का पालन सभी लोग करते हैं। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा, गूरिच (गिलोय), हल्दी दूध आदि का सेवन करते हैं। ग्रामीणों का साफ सफाई पर विशेष ध्यान रहता है। गांव में सर्दी, खांसी, बुखार आदि रोग से कोई पीड़ित नहीं है। सभी लोग स्वस्थ व सुरक्षित हैं। सतर्कता व जागरूकता के बल पर ग्रामीण कोविड-19 को अपने गांव से काफी दूर रखे हुए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि कोरोना सिर्फ शहर में है गांव घर में कोरोना नहीं पहुंचेगा। क्योंकि गांव घर का हवा पानी बिल्कुल शुद्ध है।
-ग्रामीणों के दिलो-दिमाग में अफवाह कर गया है घर: सरहस्ताल खुर्द गांव निवासी सह अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष शिवधारी राम ने कहा कि असामाजिक तत्वों के द्वारा टीका के प्रति काफी अफवाह फैलाया गया है। वहीं टिका लेने के बाद कुछ लोग बीमार हो गए थे। जिसके कारण लोग टीका लेने से कतरा रहे हैं। समझाने के बाद भी ग्रामीण अपनी दलील दे रहे हैं। शिवधारी ने बताया कि गांव में एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। रांची प्रवास के दौरान सिर्फ मैं पॉजिटिव हुआ था। 22 दिनों तक आइसोलेट रहने के बाद कोविड-19 का रिपोर्ट नेगेटिव आया। इसके बाद घर चला आया। गांव के एक युवक अभय लाल श्रीवास्तव जो दिल्ली में रहते थे, उनकी मौत वहीं कोविड-19 से हो गई। अभी तक कोविड-19 से पूरे ग्रामीण सुरक्षित हैं। कोई पॉजिटिव मामला नहीं मिला है। कोविड-19 से बचाव व वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। - नहीं लेंगे टीका चाहे कुछ भी हो जाए: ग्रामीण शंभू राम, चंद्रिका राम आदि ने कहा कि हमारे गांव में कोरोना नहीं है। गांव में कोई भी व्यक्ति या बच्चा को सर्दी, खांसी, बुखार नहीं है। गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर का आयोजन कर कोविड-19 का जांच व कोरोना रोधी वैक्सीन लगाया गया है। वैक्सीन लगने के बाद कई ग्रामीण बीमार पड़ गए थे। जो काफी इलाज के बाद स्वस्थ हुए हैं। हम सभी पूरी तरह सुरक्षित व स्वस्थ हैं। जब कुछ हुआ ही नहीं है तो टीका क्यों लेंगे। टीका लेने के बाद लोग कई दिनों तक बीमार रहे हैं। साथ ही इलाज में काफी रुपए खर्च हो रहे हैं। टीका लेकर हम गरीब बीमार पड़ने पर अपना इलाज कैसे कराएंगे टीका लेने के बाद मौत भी हो जा रही है। टीका लेने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है। अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व झारखंड प्रदेश अध्यक्ष शिवधारी राम प्रतिदिन सुबह-शाम ग्रामीणों के साथ बैठ कर कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करने तथा टीका लेने के लिए जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं।