झारखंड: गढ़वा में एक साथ 4 शव मिलने से सनसनी, मरनेवाले सभी एक ही परिवार के Garhwa News
घर के मुखिया शिव कुमार बैठा का शव घर के बगल के अमरुद के पेड़ से बरामद हुआ। बताया जा रहा है कि शिव कुमार बैठा ने सभी की हत्या कर खुद भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
गढ़वा, जासं। गढ़वा जिले के धुरकी थाने के रक्शी गांव में सोमवार सुबह एक ही परिवार के चार लोगों के शव मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर सुसाइड नोट मिलने से प्रथमदृष्टया इसे आत्महत्या का मामला माना जा रहा है। पुलिस हत्या के बिंदुओं पर भी तफ्तीश कर रही है। बताया जा रहा है कि गांव का शिवकुमार रजक (30) गरीबी तथा बीमारी से परेशान था। परिजन शिवकुमार के सिर पर कर्ज होने की बात कह रहे हैं, लेकिन उसने किससे कर्ज लिया था इसकी जानकारी वे नहीं दे पा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि सोमवार की सुबह शिवकुमार रजक को माधव बस से इलाज के लिए रांची जाना था, लेकिन इससे पहले ही यह घटना हो गई।
सोमवार सुबह शिवकुमार रजक का शव उसके घर के बगल में एक अमरूद के पेड़ से झूलता हुआ मिला। वहीं उसकी पत्नी बबीता देवी (26) व बेटी श्रेया (6) का शव पास के ही एक कुआं में मिला, जबकि 10 वर्षीय बेटी तान्या का शव उसी कुएं की मुंडेर पर मिला। पुलिस को घटनास्थल से सफेद कागज पर चार लाइन में लिखा शिवकुमार रजक का एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें शिवकुमार रजक ने स्वेच्छा से पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने की बात लिखी है।
पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि शिवकुमार ने अपनी पत्नी और एक बेटीं की किसी धारदार हथियार से हत्या कर शव को कुंआ में डाल दिया होगा। फिर दूसरी बेटी को भी वहीं कुएं के पास हत्या करने के बाद खुद अमरूद के पेड़ में फांसी लगाकर जान दे दी होगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अनसुलझे सवाल
- शिवकुमार रजक ने अगर कर्ज की वजह से जान दी तो उसपर कौन सा और कितने का कर्ज था।
- घर के सभी लोगों ने अगर खुदकशी की तो दो की लाश कुएं में, एक की कुएं के बाहर और एक की पेड़ से झूलती हुई दूर-दूर क्यों मिली।
- घर के पास ही इतनी बड़ी घटना हो गई और घर वालों या पड़ोसियों को जानकारी तक नहीं हुई।
'घटनास्थल से सुसाइड नोट पुलिस को मिला है, जिसमें खुदकशी की बात कही गई है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। अभी इसपर स्पष्ट कुछ कहना मुश्किल है कि यह खुदकशी है या कुछ और।' -योगेंद्र प्रसाद, थाना प्रभारी, धुरकी।
'कार्यालय अभी बंद है। बिना दस्तावेज देखे मैं यह नहीं बता सकता हूं कि शिवकुमार रजक को किसी योजना का लाभ मिला या नहीं या उसके ऊपर कोई कर्ज था। कार्यालय खुलने के बाद ही पूरी जानकारी दे सकता हूं।' -रंजीत कुमार सिन्हा, प्रखंड विकास पदाधिकारी, धुरकी।
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