खेलकूद से ज्यादा पर्व-त्योहारों के लिए उपयोगी है यज्ञ मैदान
सूबे की उपराजधानी दुमका के बीचोंबीच स्थित है यज्ञ मैदान। प्लस टू जिला स्कूल की मिल्कियत है इस मैदान पर लेकिन नागरीय सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नगर परिषद की राशि भी इस मैदान पर खर्च होती है। हाल ही में मैदान की सुरक्षा के लिए चाहरदीवारी बनवाया गया है। बावजूद इसकी सुरक्षा भगवान भरोसे है क्योंकि इसका एक छोर खुला है। जिसके कारण शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा यहां लग जाता है। मैदान के चारों हिस्से में फेंके गए शराब की बोतलें कोरेक्स की खाली शीशियां बिखरी हुई हैं। इस मैदान में खेलकूद की गतिविधियां गिनती मात्र की होती हैं।
जागरण संवाददाता, दुमका : सूबे की उपराजधानी दुमका के बीचोंबीच स्थित है यज्ञ मैदान। प्लस टू जिला स्कूल की मिल्कियत है इस मैदान पर लेकिन नागरीय सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नगर परिषद की राशि भी इस मैदान पर खर्च होती है। हाल ही में मैदान की सुरक्षा के लिए चाहरदीवारी बनवाया गया है। बावजूद इसकी सुरक्षा भगवान भरोसे है क्योंकि इसका एक छोर खुला है। जिसके कारण शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा यहां लग जाता है। मैदान के चारों हिस्से में फेंके गए शराब की बोतलें, कोरेक्स की खाली शीशियां बिखरी हुई हैं। इस मैदान में खेलकूद की गतिविधियां गिनती मात्र की होती हैं। नगर परिषद की ओर से सुबह और शाम टहलने के लिए मैदान के चारों ओर बनाया गया पक्का ट्रैक भी उपेक्षित है। मैदान पर बने मंच की स्थिति भी ठीक नहीं है। खेलकूद से ज्यादा पर्व-त्योहारों के लिए होता है उपयोग
यज्ञ मैदान की उपयोगिता खेलकूद से ज्यादा धार्मिक अनुष्ठानों में होती है। दुर्गापूजा में यहां प्रतिमा स्थापित होती है। दिवाली व छठ का बाजार भी इसी मैदान में लगाया जाता है ताकि शहर में उमड़ने वाली भीड़ को यहां शिफ्ट किया जा सके। इसके अलावा भगवती जागरण, पुस्तक मेला या फिर समय-समय पर लगने वाले मेलों के लिए भी इसी मैदान का उपयोग किया जाता है। ऐसे में यहां खेलकूद की गतिविधियां नगण्य रहती हैं। यज्ञ मैदान के चारों ओर गंदगी है। मैदान खेलने योग्य नहीं है। मैदान में उगे घास के कारण यहां खेलने में काफी डर लगता है। शाम में यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है जिसके कारण भयवश मैदान में कोई नहीं आना चाहता है।
कृष जायसवाल, युवा, दुमका
शहर के बीचोबीच स्थित यज्ञ मैदान उपेक्षा का शिकार है। प्रशासन और नगर परिषद को इसके रखरखाव और उपयोगिता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मैदान में खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा मिले यह सबसे ज्यादा अहम है।
मनोज संथालिया, युवा, जिला स्कूल रोड दुमका दुमका शहर में विकास की गति तेज हुई है। शहर पर आबादी का दबाव भी बढ़ता जा रहा है लेकिन नागरीय सुविधाएं सिकुड़ती जा रही हैं। जिला प्रशासन और नगर परिषद को शहर के नागरिकों की सुविधाओं का ख्याल रखना चाहिए।
रिजवान आलम, व्यवसायी, अजीम गली, दुमका दुर्गापूजा के बाद ठीक से साफ-सफाई नहीं हो सका है। अगले एक-दो दिन में मैदान की
जोरदार तरीके से सफाई करा दी जाएगी। यज्ञ मैदान की उपयोगिता शहरवासी तय कर सकें इसके लिए यहां टहलने के लिए चैकर्स टाइल्स का ट्रैक बनवाया गया है।
दीपक स्वर्णकार, वार्ड पर्षद, नगर परिषद दुमका