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रिमझिम बारिश के बीच बाबा भोलेनाथ की आराधना

संवाद सहयोगी बासुकीनाथ कोरोना के कारण इस साल भी बासुकीनाथ में श्रावणी मेला नहीं लगा। प्रश

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:50 PM (IST)
रिमझिम बारिश के बीच बाबा भोलेनाथ की आराधना
रिमझिम बारिश के बीच बाबा भोलेनाथ की आराधना

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: कोरोना के कारण इस साल भी बासुकीनाथ में श्रावणी मेला नहीं लगा। प्रशासनिक सख्ती के कारण मंदिर परिसर में इस पावन माह में भी श्रद्धालुओं की संख्या अंगुली से गिनी जा सकती है। बुधवार को भी यही स्थिति रही। हर साल इस माह में यहां लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक को आते थे। इधर, बुधवार की सुबह से आकाश में बादल मंडराने लगे। विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। मानो इंद्र ने बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करने की तैयारी सुबह से ही कर ली थी।

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मान्यता के अनुसार श्रावण अत्यंत पावन माह माना जाता है। इस माह में शिव की आराधना करने और उन्हें गंगा जल अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है। बासुकीनाथधाम में परंपरानुसार धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। पूर्व के वर्षों में जहां पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी वहां इस बार संपूर्ण मेला क्षेत्र में वीरानी छाई हुई है। इसके बावजूद सभी धार्मिक अनुष्ठानों का विधिवत आयोजन किया जा रहा है। पुजारी सदाशिव पंडा ने विधिवत तीनों प्रहर की पूजा की। मंदिर परिसर स्थित सभी मंदिरों में देवी-देवताओं की आराधना और श्रृंगार पूजा की गई। पंडित आशुतोष झा कहता हैं कि इस मास में जो व्यक्ति भगवान शंकर की सच्चे मन से अराधना करते हैं, उन्हें भोलेनाथ की असीम कृपा सहज ही प्राप्त होती है। जो व्यक्ति भगवान शंकर को गंगाजल अर्पित करता है उसके त्रिविध ताप का शमन होता है। श्रावण में द्वादश ज्योतिर्लिंग पर गंगाजल अर्पित करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।


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