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दो सौ साल से हो रही बारापलासी में पूजा

जामा जामा के बारापलासी में दो सौ साल से लगातार पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी व्

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 04:54 PM (IST)
दो सौ साल से हो रही बारापलासी में पूजा
दो सौ साल से हो रही बारापलासी में पूजा

जामा : जामा के बारापलासी में दो सौ साल से लगातार पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार भी व्यापक तैयारी की गई है। लेकिन कोरोना की वजह से इस बार भव्य कार्यक्रम पर रोक लगने से लोगों में मायूसी जरूर है।

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बंगाली टोला बारा में 1908 से विधि विधान के साथ एक छोटा सा मंदिर बनाकर गांव के लोगों ने पूजा की शुरुआत की थी। तत्कालीन मुखिया स्वर्गीय शिव बालक सिंह के नेतृत्व में पलासी के प्रसादी राय, गझंडा के जगदीश कुंवर, बारा पलासी के महादेव भालोटिया, रामकुमार भालोटिया, कन्हाई लाल जोशी, दुर्गा भुवानियां, रामकृष्ण जोशी, जगदीश साह, सत्यनारायण लाहा आदि ने चंदा एकत्र कर पूरे लगन एवं निष्ठा से पूजा की शुरूआत की। इसमें सबसे बड़ी भूमिका शिवकरण दास केलंका ने निभाई। दिन-रात मेहनत कर मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर निर्माण में नोनीहाट के रानी सोनावती ने भी सहयोग किया। परंतु जैसे-जैसे गांव की आबादी बढ़ती गई, मंदिर की ख्याति बढ़ती चली गई। विजया दशमी के दिन सार्वजनिक पूजा करने में परेशानी होने लगी तो सात वर्ष पूर्व दूसरे स्थान पर दिव्य मंदिर का निर्माण कराने के लिए फुलाइश दिलाया गया। फुलाइश गिरा और मां की अनुमति लेकर मंदिर को तोड़कर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। इसमें लोगों का भरपूर सहयोग मिला। आज बारा पलासी मंदिर की महिमा को जिला ही नहीं बाहर के लोग भी जानते हैं।

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मंदिर की विशेषता : वैष्णवी मंदिर होने की वजह से बलि प्रथा नहीं होती है। सप्तमी तिथि को कलश पूजन गणेश मांझी के द्वारा वर्षो से किया जाता आ रहा है। उनके पूर्वज भी कलश यात्रा में मुख्य भूमिका अदा करते थे। अष्टमी से लेकर दशमी तक पूजा-अर्चना करते हुए कई प्रकार के लोक कला मंचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाता है। सात पीढी से एक ही परिवार के मधुबन गांव से पुजारी आते हैं जो षष्ठी के शाम में बेलवृक्ष के पास जाकर आह्वान करते हैं।

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कोरोना की वजह से कार्यक्रम सीमित

कोरोना के भय से इस बार के कार्यक्रम को सीमित कर दिया गया है। हर साल नवमी व दशमी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम को बंद किया गया है। आयोजन को सफल बनाने में युवा संजीव चौधरी, बबुआ मंडल, गुलाब राय, रितेश कुमार व संजय साह आदि लगे हुए हैं। मंदिर में अभी पुजारी गणेश तिवारी और चंद्रशेखर तिवारी पूजा कराते हैं। पूजा समिति में गोविद चंद्र लाहा अध्यक्ष, प्रेम कुमार साह सचिव और सुरेश भालोटिया कोषाध्यक्ष हैं।


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