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कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब

विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार की सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ से पूरी नगरी शिवमय हो गई। लॉकडाउन की अवधि के बाद पहली बार बासुकीनाथ में इतनी भक्तों की भीड़ जुटी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:49 PM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब
कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार की सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ से पूरी नगरी शिवमय हो गई। लॉकडाउन की अवधि के बाद पहली बार बासुकीनाथ में इतनी भक्तों की भीड़ जुटी थी।

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बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन एवं जरमुंडी थाना पुलिस के द्वारा काफी जद्दोजहद की जा रही थी कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव को लेकर भक्तों को शारीरिक दूरी का अनुपालन कराते हुए जलाभिषेक कराया जाए। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर तड़के तीन बजे से ही सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने शिवगंगा में स्नान ध्यान करने के उपरांत मन्दिर के पूर्वी द्वार स्थित संस्कार मंडप के बाहर कतारबद्ध हो गए। मंदिर के कपाट खुलने के उपरांत पुरोहित पूजा के बाद सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक भक्तों ने अरघा से जलाभिषेक किया। भक्तों ने शिवगंगा घाट से लेकर मंदिर के चौखट तक दंडवत दिया। कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर बासुकीनाथ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

इस पावन अवसर पर बासुकीनाथ में हजारों भक्तों ने भोलेनाथ पर जलाभिषेक किया। बाबा भोलेनाथ व माता पार्वती के पूजन के लिए एक दिन पूर्व रविवार से ही बड़ी संख्या में शिवभक्त बासुकीनाथ में जुट गए थे। बासुकीनाथ के पंडित मणिकांत झा उर्फ मन्नो बाबा एवं आशुतोष झा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान एवं शिव पूजन का दर्शन अत्यंत लाभकारी एवं मोक्षदायक होता है। पूर्णिमा के पावन अवसर पर भक्तों को बेहतर ढंग से जलार्पण कराने के लिए पुलिस प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए थे। जरमुंडी थाना प्रभारी एसएन सिंह व अन्य पुलिस पदाधिकारी विधि व्यवस्था पर निगाह बनाए हुए थे।

इसके अलावा जरमुंडी थाना के एसआइ नित्यानंद भोक्ता, डेगन कुमार, एएसआई योगेंद्र शर्मा, विजय सिंह, संदीप सिंह सहित दर्जनों अन्य पुलिस पदाधिकारी भी पुलिस बल के साथ मुस्तैद दिखे। वरीय पदाधिकारियों की देखरेख में भक्तों को सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने के लिए आवश्यक इंतजाम किए गए थे। इस पावन अवसर पर बिहार, झारखंड सहित बंगाल, उड़ीसा, यूपी, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से आए भक्तों का तांता लगा रहा।

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कार्तिक मास स्नान एवं कल्पवास का समापन: कार्तिक मास कृष्णपक्ष से प्रारंभ गंगा स्नान एवं कल्पवास का पूर्णिमा के दिन सोमवार को गंगा स्नान करने के पश्चात समापन हो गया। भक्तों ने अपनी पूर्व मनौती के अनुरूप मुंडन, रुद्राभिषेक, सत्यनारायण कथा, गठबंधन, ध्वजारोहण, कालसर्प पूजन सहित दर्जनों अन्य धार्मिक अनुष्ठान नियम निष्ठा से कराए।


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