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पत्नी की चिता की आग बुझी भी नहीं थी कि पति भी मरा

राजीव दुमका कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर से ही बनकर आती हैं एक-दूजे के लिए। शायद कु

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 07:47 PM (IST)
पत्नी की चिता की आग बुझी भी नहीं थी कि पति भी मरा
पत्नी की चिता की आग बुझी भी नहीं थी कि पति भी मरा

राजीव, दुमका : कहते हैं कि जोड़ियां ऊपर से ही बनकर आती हैं, एक-दूजे के लिए। शायद कुछ ऐसा ही एहसास अपने स्वजनों व शुभेच्छुओं को करा गए शहर के प्रसिद्ध आभूषण व्यवसायी

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स्व.रामचंद्र वर्मा (72) और उनकी पत्नी स्व.रेणु वर्मा (60)। सोमवार की शाम पत्नी रेणु वर्मा के निधन के बाद अभी उनकी चिता की आग ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि मंगलवार को अल सुबह रामचंद्र वर्मा का भी निधन हो गया। दुमका शहर में विशिष्ट पहचान व रसूकदार लोगों में एक स्व.रामचंद्र वर्मा का निधन मंगलवार की सुबह होने की खबर शहर में जंगल की आग की तरफ फैली तो एक पल के लिए किसी को यह भरोसा कर पाना मुश्किल हो रहा था कि हरदिल अजीज और जिदादिल इंसान स्व. रामचंद्र इतनी जल्दी सबको छोड़कर कैसे जा सकते हैं, लेकिन घटना सच थी। सोमवार की सुबह करीब 4.30 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी तो उनके स्वजन उन्हें इलाज के लिए डीएमसीएच ले गए। यहां चिकित्सकों ने उनकी तबीयत को गंभीर बताया और जब तक उनके स्वजन बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने का निर्णय कर पाते वे सदा के लिए सबको छोड़कर चले गए। इससे ठीक पहले सोमवार को उनकी पत्नी रेणु वर्मा का निधन हो गया था। देर शाम विजयपुर घाट में उन्हें अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया था और अंतिम संस्कार के बाद स्वजन रात के करीब ढ़ाई बजे घर लौटे थे। रेणु कुछ दिनों से बीमार चल रहीं थीं। उन्हें डायलिसिस पर रखा जा रहा था। तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण रामचंद्र अपनी पत्नी की अंत्येष्टि में घाट तक नहीं गए थे। पत्नी के निधन से स्व. रामचंद्र इस कदर आहत व सदमे में थे कि सुबह होने से पूर्व ही उनकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई और देखते ही देखते उनका भी निधन हो गया। स्व.रामचंद्र मधुमेह की बीमारी से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर के बाद उनके बांधपाड़ा आवास में भीड़ जुटनीं शुरू हो गई। दुमका के सांसद सुनील सोरेन, पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी, झामुमो के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह, अमरेंद्र सिंह, सुभाष सिंह, राधेश्याम वर्मा, किशोर सिंह, अनूप कुमार सिन्हा, रंजीत साह, राजेंद्र प्रसाद, प्रेम केशरी, सरिता सिन्हा, मीना देवी, गोपाल घोष, रामकांत साह, रमेश राउत, दीपक स्वर्णकार, मो.शरीफ, चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मुस्ताक अली, मनोज घोष, व्यवसायी संजय कुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद साह, जितेंद्र प्रसाद, दिलीप शर्मा, राम मंडल, दीपक केवट, मानव वर्मा, विजय वर्मा, सागीर, राजेश राउत, श्याम राज, अमरेंद्र यादव, सुरेंद्र सिंह, मनोज गुप्ता, संजय जायसवाल, अर्जुन पोदार समेत शहर के तमाम आभूषण व्यवसायी व गण्यमान्य शोक में डूबे परिवार के सदस्यों को ढ़ाढस बंधाने पहुंचे। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने भी उनके निधन पर संवेदना जताई है। स्व. रामचंद्र व स्व. रेणु अपने पीछे चार पुत्री बेबी वर्मा, रुबी वर्मा, अंशु वर्मा, लवली वर्मा एवं दो पुत्र राज वर्मा एवं सन्नी वर्मा को छोड़ गए हैं। इनके निधन पर मंगलवार को दुमका शहर की तमाम आभूषण की दुकानें बंद रहीं। वहीं मंगलवार को स्व. रामचंद्र की अंत्येष्टि भी विजयपुर घाट पर की गई।


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