गणेशपुर व राजमहल के गंगाजल से बुझेगी संताल की प्यास
संताल परगना में पेयजल संकट को स्थायी तौर पर दूर करने की दिशा में जल जीवन मिशन के माध्यम से तकरीबन 2500 करोड़ रुपये की लागत से गंगा से कच्चा जल लिफ्ट कर साहिबगंज पाकुड़ और दुमका जिले के विभिन्न प्रखंडों की आबादी को शुद्ध जल मुहैया कराने के मिशन पर तेजी से काम चल रहा है।
राजीव, दुमका: संताल परगना में पेयजल संकट को स्थायी तौर पर दूर करने की दिशा में जल जीवन मिशन के माध्यम से तकरीबन 2500 करोड़ रुपये की लागत से गंगा से कच्चा जल लिफ्ट कर साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका जिले के विभिन्न प्रखंडों की आबादी को शुद्ध जल मुहैया कराने के मिशन पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए सरकार के स्तर से डीपीआर तैयार करने के लिए पौराणिक ब्रदर्स और सीवी पाटिल एंड एसोसिएट सर्वे कर रही है।
सर्वे का काम तकरीबन 40 फीसद पूरा हो चुका है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले दो से तीन वर्षाें में यह महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर होगी। जानकारी के मुताबिक, गंगा का कच्चा जल बड़हरवा के निकट गणेशपुर से लिफ्ट किया जाएगा। इस कच्चा जल को पाकुड़ और हिरणपुर के बीच पोखरिया में प्रस्तावित दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जमा किया जाएगा। यहां से एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पाकुड़ और हिरणपुर दो प्रखंड को पाइप लाइन के माध्यम से पेयजलापूर्ति सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि दूसरे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पाकुड़िया, महेशपुर, अमड़ापाड़ा के अलावा दुमका के गोपीकांदर और शिकारीपाड़ा प्रखंड को पेयजलापूर्ति मुहैया कराने की योजना है। इसके लिए सभी प्रखंड मुख्यालयों में अलग-अलग वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। इसके अलावा दुमका जिले के दो प्रखंड सरैयाहाट और रामगढ़ में राजमहल से गंगा का पानी लाने की योजना पर भी काम चल रहा है। यह कार्य एक अन्य एजेंसी मार्स के जरिए हो रहा है।
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यह है योजना का ब्लू प्रिट: जल जीवन मिशन के तहत संताल परगना के साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ एवं दुमका के तकरीबन नौ प्रखंडों में गंगा के कच्चा जल को डीआइ पाइप के जरिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध कर उसे फंग्शनल हाउस होल्ड टैंक कलेक्शन के जरिए घरों तक पहुंचाया जाएगा। प्रत्येक घर को 55 लीटर प्रति कैपिटा प्रतिदिन के हिसाब से जल मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए लाभुकों से हाउस कनेक्शन निबंधन और पानी के लिए तयशुदा शुल्क भी लिए जाने का प्रविधान किया जा रहा है। वर्तमान में डीपीआर बनाने का काम प्रगति पर है। पाकुड़ जिला के पाकुड़िया प्रखंड में अनुमानित 206 करोड़ रुपये की लागत से पेयजलापूर्ति योजना बनाने की योजना है।
महेशपुर में 394 करोड़ और अमड़ापाड़ा में तकरीबन 150 करोड़ की लागत से योजना को धरातल पर उतारे जाने की संभावना है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा दो संप का भी निर्माण कराया जाएगा, जिसमें एक संप के माध्यम से पाकुड़ और हिरणपुर और दूसरे संप के माध्यम से शेष प्रखंडों में पानी भेजा जाएगा। महेशपुर प्रखंड के शहरग्राम और अमड़पाड़ा में वर्तमान प्रोजेक्ट के बगल में ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने की संभावना है।
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सिर्फ सात माह ही गंगा से पानी लिफ्ट करने का निर्गत है एनओसी: इस परियोजना के लिए सिर्फ सात महीना ही गंगा से पानी लिफ्ट किया जा सकेगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने सात माह के लिए ही एनओसी निर्गत किया है। शेष पांच के लिए पानी की जरूरत माइंस पिट्स के जरिए किए जाने की संभावना पर कार्य चल रहा है। इसके लिए पाकुड़ जिले में मालपहाड़ी में स्थल चिह्नित किया गया है। इन्हीं माइंस पिट्स में जमा बरसात के पानी को शेष पांच माह के लिए लिफ्ट कर उसका ट्रीटमेंट कर आमजनों तक पहुंचाया जाएगा।
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वर्जन:::
डीपीआर तैयार करने के लिए सर्वे का 40 फीसद से अधिक काम पूरा हो चुका है। गंगा जल लिफ्ट करने के लिए सीडब्ल्यूसी से एनओसी के लिए पत्राचार किया जा रहा है। शेष पांच माह के लिए भी सीडब्ल्यूसी से एनओसी लेने का प्रयास किया जाएगा।
ब्रजनंदन कुमार, अधीक्षण अभियंता, पेयजल स्वच्छता विभाग, दुमका