आदिवासी सेंगेल अभियान ने फूंका सीएम व राज्यपाल का पुतला
सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या और ओलचिकी भाषा को राज्य की प्रथम भाषा पर सरकार की चुप्पी के विरोध में आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्यों ने शिकारीपाड़ा और रानीश्वर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू बाबूलाल मरांडी विधायक नलिन सोरेन व विलियम मरांडी का पुतला दहन किया।
जागरण टीम दुमका : सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या और ओलचिकी भाषा को राज्य की प्रथम भाषा पर सरकार की चुप्पी के विरोध में आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्यों ने शिकारीपाड़ा और रानीश्वर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, बाबूलाल मरांडी, विधायक नलिन सोरेन व विलियम मरांडी का पुतला दहन किया।
शिकारीपाड़ा के ढाका गांव में रमेश मुर्मू के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सभी का पुतला दहन किया। रमेश ने कहा कि इसी साल 12 जून को वंशज रामेश्वर मुर्मू की साहिबगंज में हत्या कर दी गई। लगातार सरकार से सीबीआई जांच की मांग की गई लेकिन आज तक सरकार चुप है। सरकार को बताना चाहिए कि उसने जांच के लिए आदेश क्यों नहीं दिया। ओलचिकी को राज की प्रथम भाषा बनाने के विरोध सरकार में बैठे लोग कर रहे हैं। विधायक नलिन सोरेन व दिनेश विलियम इसके खिलाफ है। सरकार खामोश है। इतना ही नहीं डोमिसाइल नीति व सरना धर्म कोड को लागू कराने में भी सरकार असफल हो रही है। पता नहीं किसके इशारे पर सरकार अभियान मांग पूरी करने के लिए तैयार नहीं है। ढाका के अलावा बालीजोड़, मोड़ेयाम व कलजोर में भी सभी का पुतला दहन किया गया।
इधर, रानीश्वर के सालतला में
प्रखंड अध्यक्ष वर्नाड हांसदा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सभी का पुतला दहन किया। पुतला दहन में प्रधान मुर्मू, सुनील हांसदा, हराधन किस्कु, सिबान सोरेन, शिव मरांडी, भादू हेम्ब्रम, रंजीत मुर्मू, विभूति बास्की, प्रेमलता मुर्मू, सरस्वती टुडू, मोनी मुर्मू आदि शामिल थे।