तकनीकी खराबी के कारण हंसडीहा में चालू नहीं हो सका ट्रैफिक ऑटोमैटिकली कंट्रोल सिस्टम
हाईटेक हो रहे जमाने में ट्रैफिक व्यवस्था में एक और कड़ी जुड़ गई है। अब ट्रैफिक लोड के अनुसार टाइमर सेट किया जा सकेगा। इससे ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में सहूलियत हो सकेगी।
अरविद कुमार, हंसडीहा: हाईटेक हो रहे जमाने में ट्रैफिक व्यवस्था में एक और कड़ी जुड़ गई है। अब ट्रैफिक लोड के अनुसार, टाइमर सेट किया जा सकेगा। इससे ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में सहूलियत हो सकेगी।
दुमका जिले के अति व्यस्त माने जाने वाले हंसडीहा चौराहे पर इस व्यवस्था की शुरुआत करने की तैयारी है। इसमें जैसा ट्रैफिक लोड होगा, उसी के अनुसार टाइमर सेट किया जाएगा। शुरुआत हंसडीहा गोलचक्कर के चारों रोड दुमका रोड, भागलपुर रोड, देवघर रोड और गोड्डा रोड से की जाएगी। इन चारों में से दुमका-भागलपुर सर्वाधिक लोड वाला रोड है। योजना है कि प्रोग्राम इंटरफेस के जरिए पहले इन चौराहों पर ट्रैफिक लोड का आकलन किया जाए और फिर उसी के अनुसार टाइमर सेट किया जाए।
----------------------
कैमरे से रखी जाएगी ट्रैफिक पर नजर: ऑटोमैटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) एक हाईटेक ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम है। सिस्टम के तहत ट्रैफिक सिग्नल्स के साथ क्लोज्ड सर्किट कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे ट्रैफिक की स्पीड और सड़क पर ट्रैफिक का प्रेशर की मॉनीटरिग भी करेंगे और इसी के आधार पर सिग्नल्स काम करेंगे। सड़क पर जिस ओर ट्रैफिक का प्रेशर ज्यादा रहेगा, उसी ओर ग्रीन सिग्नल जल्दी मिलेगा, ताकि ट्रैफिक को वहां से जल्दी गुजारा जा सके और जाम की नौबत न आए। हंसडीहा गोलचक्कर से जाने के लिए इन चारों प्रमुख मार्गो पर 60 से लेकर 180 सेकेंड तक की टाइमिग सेट की जाएगी। प्रोग्राम इंटरफेस के जरिए ही दर्ज किए गए वाहनों की आवागमन रिपोर्ट के आधार पर टाइमर सेट होंगे। इस टाइमर को सेट करने के बाद इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के तहत ट्रैफिक रेगुलेट की जाएगी। इस व्यवस्था के लागू होने पर एक रेड सिग्नल के बाद आने वाले हर दूसरा सिग्नल ग्रीन मिलेंगे। जल्द ही इसे लागू करने की योजना है।
-----------------------
दो साल से लिया जा रहा ट्रायल: नए ट्रैफिक सिग्नल को लगे दो साल से भी ज्यादा समय हो चुका है। स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड की ओर से हंसडीहा के अलग-अलग लोकेशन पर नए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। नए ट्रैफिक सिग्नल को शुरू करने का डेटलाइन भी कई बार फेल हो चुका है। बीते दो साल से इसका ट्रायल लिया जा रहा है, लेकिन अब भी इसकी तकनीकी खराबी खत्म नहीं हुई है। करोड़ों रुपये खर्च कर ट्रैफिक व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। यह रोड की ट्रैफिक के अनुसार ऑटोमैटिक रेड और ग्रीन सिग्नल देगा, लेकिन इसे अब तक ठीक से शुरू नहीं किया जा सका है। हालांकि कैमरे से यातायात पर नजर रखा जा रहा है। बकायदा, हंसडीहा थाना परिसर में इसके लिए अलग से एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।