प्रखंड मुख्यालय को जोड़नेवाली चार पंचायत की सड़क जर्जर
बासुकीनाथ ग्रामीण इलाकों में सड़कों का काफी बुरा हाल है। चोरखेदा गांव से लेकर भाया बनवारा डुमर्थर मधुपुर मचकोल तक कि सड़क काफी जर्जर हो गई है। वर्षो से यह जर्जर सड़क अपने नवनिर्माण की बाट जोह रही है। जरमुंडी के चार पंचायतों को जरमुंडी प्रखंड मुख्यालय से जोड़नेवाली यह सड़क काफी जर्जर हो गई है। यह सड़क आवागमन का एक मात्र साधन है। इसके अलावा मधुपुर गांव स्थित प्रसिद्ध नीमानाथ मंदिर इसी मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर में आने जाने के लिए यात्रियों को इसी मार्ग का उपयोग करना पड़ता है। जिससे मंदिर आने जानेवाले यात्रियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। यात्रियों ने भी कई बार सड़क निर्माण की मांग उठाई जिसका नतीजा नहीं निकला।
बासुकीनाथ : ग्रामीण इलाकों में सड़कों का काफी बुरा हाल है। चोरखेदा गांव से लेकर भाया बनवारा, डुमर्थर, मधुपुर, मचकोल तक कि सड़क काफी जर्जर हो गई है। वर्षो से यह जर्जर सड़क अपने नवनिर्माण की बाट जोह रही है। जरमुंडी के चार पंचायतों को जरमुंडी प्रखंड मुख्यालय से जोड़नेवाली यह सड़क काफी जर्जर हो गई है। यह सड़क आवागमन का एक मात्र साधन है। इसके अलावा मधुपुर गांव स्थित प्रसिद्ध नीमानाथ मंदिर इसी मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर में आने जाने के लिए यात्रियों को इसी मार्ग का उपयोग करना पड़ता है। जिससे मंदिर आने जानेवाले यात्रियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। यात्रियों ने भी कई बार सड़क निर्माण की मांग उठाई जिसका नतीजा नहीं निकला। इसके अलावे इस मार्ग से रायकिनारी, खरबिल्ला, चोरखेदा, बनवारा पंचायत के मचकोल, मनियारपुर, बेलदाहा, लोहारती, मधुपुर, निमानाथ, डुमरथर, राजा सिमरिया, बनवारा, पहाड़पुर, परीपा, चोरखेदा, डोमनाडीह, रंगाबांध, मधुबन, आमगाछि सहित दर्जनों अन्य गांवों के हजारों ग्रामीणों के लिए आवागमन का मुख्य मार्ग है। बावजूद इस मार्ग में 90 फीसदी सड़क जर्जर है और इसमें नुकीले पत्थर, कंकड़ की भरमार है। यह सड़क पैदल राहगीरों से लेकर दो पहिया व चार पहिया वाहन चालकों के लिए भी परेशानी का सबब है। ---
. क्या कहते हैं ग्रामीण : प्रसिद्ध नीमानाथ मंदिर में आवागमन के लिए बनवारा डुमरथर होते हुए जाना पड़ता है। नीमानाथ मंदिर पहुंचने के लिए यह सड़क काफी जर्जर है। जिससे मंदिर जाने-आने में यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इस सड़क का अविलंब पुनर्निर्माण होना चाहिए।
विनोद मिश्र, पुजारी नीमानाथ मंदिर
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. इस सड़क के जर्जर हो जाने से आवागमन में काफी तकलीफ होती है। बरसात के दिनों में पूरा सड़क कीचड़मय हो जाती है। जिससे आवागमन काफी कष्टकर हो जाता है।
राजेश मिश्र, ग्रामीण नीमानाथ इस मार्ग में दो पहिया वाहन से आवागमन काफी खतरनाक है। जर्जर सड़क के कारण कई बार दो पहिया वाहन पंक्चर हो जाते हैं जिसे ठेल कर मरम्मत के लिए जरमुंडी ले जाना पड़ता है। इससे काफी परेशानी होती है। खासकर छात्र- छात्राओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
लालबाबू मिश्र, समाजिक कार्यकर्ता
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इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों ग्रामीण जरमुंडी प्रखंड मुख्यालय एवं दुमका देवघर आते-जाते हैं। सड़क के जर्जर होने के कारण 15 मिनट का सफर एक से सवा घंटे में पूरा करना पड़ता है। जिससे समय की बर्बादी होती है एवं इस मार्ग में यात्रा करने में हमेशा भय बना रहता है।
बैद्यनाथ मिश्र, मधुपुर