पत्थर माफिया आदित्य को पुलिस ने भेजा जेल
शिकारीपाड़ा में बीते 11 नवंबर को जांच के लिए गए जिला खनन पदाधिकारी व शिकारीपाड़ा की अंचलाधिकारी का घेराव कर उन पर पथराव कराने के आरोपित पत्थर माफिया आदित्य गोस्वामी को शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस ने रविवार की रात रामपुरहाट से गिरफ्तार किया। जिसके बाद उससे पूछताछ कर सोमवार को उसे जेल भेज दिया। आरोपित आदित्य इस से पूर्व अवैध खनन के आरोप में 2018 में भी जेल गया था।
एसडीपीओ ने बंगाल के रामपुरहाट से किया गिरफ्तार
मामला खदान जांच को गए डीएमओ व सीओ पर पथराव का
जागरण संवाददाता, दुमका : शिकारीपाड़ा में बीते 11 नवंबर को जांच के लिए गए जिला खनन पदाधिकारी व शिकारीपाड़ा की अंचलाधिकारी का घेराव कर उन पर पथराव कराने के आरोपित पत्थर माफिया आदित्य गोस्वामी को शिकारीपाड़ा थाना की पुलिस ने रविवार की रात रामपुरहाट से गिरफ्तार किया। जिसके बाद उससे पूछताछ कर सोमवार को उसे जेल भेज दिया। आरोपित आदित्य इस से पूर्व अवैध खनन के आरोप में 2018 में भी जेल गया था।
पुलिस का कहना है कि रविवार की देर शाम आदित्य की गिरफ्तारी के लिए जाल बुना गया। देर रात एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम रामपुरहाट के निश्चितपुर आवास पहुंची और उसे धर दबोचा। सोमवार की दोपहर कोविड जांच के बाद उसे अदालत में पेश किया। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि 11 नवंबर को अवैध खनन की शिकायत मिलने के बाद टास्क फोर्स की टीम शिकारीपाड़ा में खदानों की जांच करने गई थी। चितरागड़िया में पंचायत भवन के सामने जब टीम में शामिल जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार तांती व सीओ अमृता केशरी जांच के लिए पहुंची, उस समय अवैध खनन हो रहा था। टीम ने एक हाइवा जब्त करने के बाद उसके चालक को धर दबोचा। कार्रवाई के बाद काम करने वाले दूसरे मजदूरों ने शोर मचाकर गांव वालों को एकत्र कर लिया। ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों की गाड़ी रोक ली और जमकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। लोगों ने डीएमओ को घेर लिया। लोग मारपीट तक करने के लिए उतार हो गए लेकिन पुलिस ने रोक दिया। लोगों ने पत्थरबाजी भी की। सूचना मिलने के बाद थाना से अतिरिक्त फोर्स गई और दोनों अधिकारियों को सकुशल लेकर आई। डीएमओ ने आदित्य को मुख्य आरोपित बनाते हुए मामला दर्ज कराया था। दो साल पहले भी गया था जेल
आदित्य का अवैध खनन के क्षेत्र में एकछत्र राज है। उसके खिलाफ कोई कुछ बोलने का साहस तक नहीं करता है। उसकी एक आवाज पर हजारों की भीड़ जुट जाती है। पुलिस भी उस हाथ डालने से पहले कई बार सोचती थी। पुलिस की इसी कमजोरी की वजह से उसका मनोबल बढ़ता ही चल गया। अगस्त 18 में पुलिस ने खुले आम में जिला प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शांति व्यवस्था भंग नहीं हो, इसलिए उसे एक पदाधिकारी के निजी आवास में रखना पड़ा था। वर्जन
गुप्त सूचना पर आदित्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उसके खिलाफ डीएमओ ने मामला दर्ज कराया था। उसे दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है।
नूर मुस्तफा अंसारी, एसडीपीओ, दुमका