प्रकृति व भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक सोहराय : डा. लुईस
संताल परगना महाविद्यालय परिसर में शनिवार को छात्र संगठन की ओर से सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
संताल परगना महाविद्यालय परिसर में शनिवार को छात्र संगठन की ओर से सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि कोरोना की वजह से पर्व की रौनक फीकी थी। छात्र-छात्राओं ने कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए सादगी से पर्व मनाया। वहीं कुछ बिना मास्क के मस्ती में झूमते रहे। कालेज के प्रवेश द्वार पर शारीरिक दूरी का पालन कराने, मास्क जांच और सैनिटाइजर के साथ आयोजन समिति के सदस्य मुस्तैद थे। पूर्व मंत्री डाक्टर लुईस मरांडी के अलावा अन्य को परिसर स्थित जाहेर थान पूजा स्थल तक लाया गया। सभी ने इष्ट देव मरांग बुरू की पूजा की। इसके बाद ढोल-नगाड़ा और मांदर की थाप पर स्वागत करते हुए पूर्व मंत्री को कार्यक्रम स्थल तक लाया गया। युवतियों के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर की थाप पर पूर्व मंत्री भी जमकर थिरकीं और कदम से कदम से मिलाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है। समय-समय पर रुक-रुक कर छात्रों की पढ़ाई संचालित रही। समय ने ऐसा कराया है। अच्छे दिन आएंगे। कहा कि सोहराय में नायकी-पुजारी देवी-देवताओं की आराधना कर खुशहाली की कामना करते हैं। कहा कि भारत कृषि प्रधान देश और विविधता में एकता वाला देश है। भारत की विविधता में से एक संताल जाति है। संताल और आदिवासी समुदाय का होने पर गर्व होना चाहिए। सोहराय प्राकृति और भाई-बहनों के अटूट प्रेम का प्रतीक है। कहा कि अभी कोरोना की वजह से रहन-सहन आदि संकुचित हुआ है, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। कालेज प्राचार्य डा. खिरोधर यादव ने सोहराय को सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा पर्व बताते हुए संरक्षण की अपील की। सभी अतिथियों का लोटा-पानी से स्वागत किया गया। कालेज के संस्थापक स्वर्गीय लाल बाबा हेम्ब्रम को माल्यार्पण कर नमन करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पर्व में छात्रनेता श्यामदेव हेम्ब्रम व राजीव बास्की आदि शामिल हुए।