स्कूल बस को रोड परमिट अनिवार्य, 400 अब भी बाकी
दुमका बगैर रोड परमिट के सड़क पर वाहनों का परिचालन नहीं हो सकता है। यदि हो रहा है तो वह अवैध है। मोटर एक्ट में यह साफ-साफ दर्ज है कि पैसेंजर ढोनेवाला हर एक वाहन का रोड परमिट होगा।
दुमका : बगैर रोड परमिट के सड़क पर वाहनों का परिचालन नहीं हो सकता है। यदि हो रहा है तो वह अवैध है। मोटर एक्ट में यह साफ-साफ दर्ज है कि पैसेंजर ढोनेवाला हर एक वाहन का रोड परमिट होगा। मोटर वाहन एक्ट के पन्नों को नहीं पलटने के कारण अब तक स्कूल बस बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रही थी। अब संताल परगना के सभी निजी स्कूल प्रबंधन को इस बात से अवगत करा दिया गया है कि वह स्कूल बस का परमिट बनवा लें। जून माह से देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ से 90 स्कूल प्रबंधन ने बस का परमिट बनवा लिया है। जिससे जुर्माना सहित 9 लाख का राजस्व सरकार के खाते में आ गया है। जामताड़ा से अभी तक एक भी स्कूल ने पहल नहीं की है।
जून माह में संतालपरगना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार (आरटीए) के उपपरिवहन आयुक्त ने एक्ट का हवाला देकर प्रमंडल के सभी जिला शिक्षा अधीक्षक से इसमें सहयोग मांगा। इसके बाद उनके माध्यम से सभी स्कूल को मोटर वाहन का नियम बताते हुए कहा गया कि वह अपने यहां से नियंत्रित बसों का परमिट बनवा लें।
बगैर परमिट के नहीं हो सकता बीमा
नियम कहता है कि जब तक वाहन का रोड परमिट निर्गत नहीं होगा। तब तक वाहन का बीमा भी नहीं हो सकता। जनहित में परमिट इसलिए आवश्यक है, क्योंकि यदि दुर्घटना हो जाय तो बीमा के बावजूद जानमाल के नुकसान का कोई आíथक लाभ संबंधित के परिजन को नहीं मिलेगा। बावजूद लोग परमिट की अनदेखी कर देते हैं। अब तक कानूनी अज्ञानता के कारण स्कूल बस भी परमिट से अछूता रह गया था।
अभियान मोड़ में एक दिन में जारी हो रहा परमिट
आरटीए में स्कूल बस के परमिट देने के लिए अभियान मोड में काम हो रहा है। कोई भी आवेदन आने पर उसे एक दिन में निर्गत किया जा रहा है। आवेदन देने के बाद एकमुश्त 10 हजार जुर्माना एवं 1020 रुपया परमिट शुल्क जमा कराया जाता है। राशि जमा होते ही तत्काल परमिट निर्गत किया जाता है। 90 बस का परमिट जारी हो गया है। इसमें देवघर सबसे उपर है। देवघर के 42 निजी स्कूल ने परमिट ले लिया है। इसी तरह दुमका से 14 गोड्डा से 35 साहिबगंज एवं पाकुड़ से 2 है। जामताड़ा से एक भी स्कूल ने परमिट के लिए आवेदन नहीं किया है।
---
जनहित के साथ-साथ एक्ट के प्रावधान के तहत हर एक स्कूल बस को रोड परमिट लेना अनिवार्य है। बिना रोड परमिट के बीमा कराने के बावजूद किसी प्रकार का एक्सिडेंटल लाभ नहीं मिल सकता है। अब तक अज्ञानतावश लोग इससे वंचित थे। सरकार के नियमों का हवाला देकर अभियान मोड में यह काम किया जा रहा है। 90 बस का परमिट हो चुका है। जरूरत पड़ी तो हर एक जिला में कैंप लगाकर परमिट निर्गत किया जाएगा, ताकि स्कूल प्रबंधन को भी सहूलियत हो।
महेश कुमार संतालिया, उपपरिवहन आयुक्त।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप