रोस्टर से नाराज डाक्टर ने एक घंटे ठप की ओपीडी
रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
रामगढ़ प्रखंड मुख्यालय में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। नए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नए रोस्टर में स्वयं को ड्यूटी से बाहर रखने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रूही कुमारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर सिसिली प्रभा हेंब्रम के बीच सुबह नौ बजे जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। इसके बाद लगभग एक घंटे तक ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रही। तू-तू मैं मैं के बाद डाक्टर रूही कुमारी ओपीडी के बाहर गेट के पास पुल पर बैठ गई। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय कक्ष में चली गई। कुछ मरीज जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के पास गए तो मरीज के साथ दुर्व्यवहार किया। मरीजों से कहा कि वह किसी भी कीमत पर मरीज को नहीं देखेंगी चाहे, जो भी हो जाए। यहां तक कि मरीज को गेट से बाहर जाने तक भी कह दिया। इसके बाद कर्मियों ने रूही कुमारी से काफी विनती की तो उन्होंने ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखा। रूही व डा. संदीप कुमार ने आरोप लगाया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सिसली प्रभा हेंब्रम मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं, जब से योगदान किया है, एक दिन भी ओपीडी में सेवा नहीं दी है। कहती हैं कि वह प्रभारी हैं, उनका काम मरीजों को देखना नहीं है। डाक्टर ने उन्हें बताया कि वह तीन साल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं। लगातार ड्यूटी करने के बाद भी प्रताड़ित करने के लिए सप्ताह में तीन दिन सोमवार, शुक्रवार एवं शनिवार को सुबह नौ से तीन बजे तक ओपीडी में ड्यूटी लगाई है। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संदीप कुमार ने बताया कि वह आयुष के चिकित्सक हैं। उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल एवं आंगनबाड़ी में बच्चों की निगरानी के लिए की गई है। लेकिन उनसे भी ओपीडी में सेवा ली जाती है। इसके अलावा आयुष के चिकित्सक डॉ धर्मेंद्र सिंह को बुधवार एवं डा. शशिकांत को गुरुवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न तीन बजे तक ओपीडी में सेवा लगाई गई है। जबकि डा. शशिकांत, डा. संदीप एवं डा. धर्मेंद्र सिंह होम्योपैथिक के चिकित्सक हैं। आयुष के चिकित्सकों को इंजरी रिपोर्ट देने का कोई अधिकार नहीं है। सूत्रों की माने तो रामगढ़ में अभी आठ घायल की रिपोर्ट लंबित है। चिकित्सकों के बीच तू-तू मैं-मैं की जानकारी दुमका के सिविल सर्जन को भी मिली। इसके बाद सिविल सर्जन ने दोनों चिकित्सक को अपने कार्यालय में तलब किया है। सिविल सर्जन ने साफ शब्दों में प्रभारी को कह दिया कि ओपीडी में उन्हें भी ड्यूटी करनी होगी। यहां बता दें कि रामगढ़ प्रखंड में पांच एमबीबीएस डॉक्टर डा. सिसली प्रभा हेंब्रम, अर्चना मिश्रा, रूही कुमारी के अलावा डा. निखिल होरो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गम्हरियाहाट एवं डाक्टर राधाकृष्ण मिश्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोनीहाट में प्रतिनियुक्त है। इनमें से डाक्टर अर्चना मिश्रा को सिविल सर्जन ने काठीकुंड में प्रतिनियुक्त किया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामगढ़ के रोस्टर में प्रभारी ने डाक्टर राधाकृष्ण मिश्र को बाहर रखा है। वहीं जब इस मामले में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सिसली प्रभा हेंब्रम से उनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल लगातार बजता रहा, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।