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बारिश की बूंदें सहेज खेतों की बुझती प्यास

रोहित कुमार चिकनियां जल संकट के इस दौर में शिव तालाब की अहमियत बढ़ गई है। जामा प्रखं

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 01:22 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 01:22 AM (IST)
बारिश की बूंदें सहेज खेतों की बुझती प्यास
बारिश की बूंदें सहेज खेतों की बुझती प्यास

रोहित कुमार, चिकनियां : जल संकट के इस दौर में शिव तालाब की अहमियत बढ़ गई है। जामा प्रखंड की खटंगी पंचायत के बीचकोड़ा गंधर्व टोला में यह तालाब 40 बीघा में फैला है। तकरीबन 100 वर्ष पुराने इस जलाशय में सालभर लबालब पानी रहता है। खास बात यह कि बारिश का पानी चारों से बहकर इसी तालाब में जमा होता है। तालाब में जल संग्रह और निकासी के लिए खास व्यवस्था की गई है। ज्यादा पानी होने पर जल निकासी के लिए आउटलेट का निर्माण कराया गया है। तालाब में यह व्यवस्था वर्ष 2016-17 में जल संरक्षण को ध्यान में रखकर किया गया है। तकरीबन 45 लाख 29 हजार की लागत से न सिर्फ इसका जीर्णोद्धार कराया गया है बल्कि तकनीकी रूप से पानी जमा करने और निकासी करने के लिए आउट लेट भी बनाया गया है, ताकि वर्षा जल का संग्रह और जल स्तर बरकरार रखा जा सके। तकनीकी रूप से इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि तालाब के आसपास के खेतों में जमा पानी बेकार बहकर बर्बाद नहीं हो। यह बेकार पानी तालाब में आकर जमा हो। इस तकनीक की वजह से तालाब में न सिर्फ जमा होता है बल्कि ज्यादा जमा होने पर निकासी आउटलेट से बाहर भी निकल जाता है।

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गांव-टोला में नहीं होता जल संकट : तालाब में सालों भर पानी रहने की वजह से आसपास के गांव व टोला में रहने वाले लोगों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ रहा है। आसपास के इलाकों में जल स्तर काफी बेहतर रहता है। कुआं, चापाकल गर्मी भी नहीं सूखते हैं। तालाब के आसपास के ग्रामीण रबी फसल के अलावा कई तरह की सब्जियों की खेती सालों भर करते हैं। इसकी वजह से मत्स्यपालन को भी बढ़ावा मिल रहा है। शिव तालाब के कारण हथगड़ व परगाडीह मौजा के ग्रामीणों को सिचाई की समस्या का भी स्थायी तौर पर समाधान हो गया है। तालाब घाट पर प्रत्येक वर्ष लोग बड़ी संख्या में छठ करने आते हैं।

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शिव तालाब की वजह से ग्रामीणों ने जल के महत्व का समझा है। ग्रामीणों का यह प्रयास होता है कि तालाब में सालों भर पानी जमा रहे और इसके लिए बरसात में तालाब में जल संग्रह के लिए हर तरह से जतन करते हैं।

सुनील गंधर्व, ग्रामीण बीचकोड़ा

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तालाब में काफी मिट्टी भर जाने से तालाब बेकार साबित होने लगा था लेकिन जीर्णोद्धार के बाद फिर से तालाब की अहमियत बढ़ गई है। वर्षा जल को संचित करने में सफलता मिली है। इसकी वजह से ग्रामीणों में समृद्धि लौटी है।

राजेश सोरेन, वार्ड सदस्य, बीचकोड़ा

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शिव तालाब की वजह से अब गांव में पानी की समस्या नहीं है। तालाब से खेती के अलावा मछलीपालन को बढ़ावा मिला है और इससे ग्रामीण आर्थिक तौर पर सशक्त हो रहे हैं। यह सब जल संचयन के जादू का कमाल है।

सत्तार खान, ग्रामीण, बीचकोड़ा

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