प्रधानमंत्री मातृ वंदना से दूर होगी कुपोषण व एनीमिया
दुमका : एनीमिया व कुपोषण की जद में फंसी महिलाएं खासकर पहली बार गर्भवती होनेवाली महिलाओं
दुमका : एनीमिया व कुपोषण की जद में फंसी महिलाएं खासकर पहली बार गर्भवती होनेवाली महिलाओं को आíथक तौर पर मदद पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना को तयशुदा मियाद में सौ फीसद धरातल पर उतारा जाना एक मुकम्मल हथियार हो सकता है। केंद्र सरकार के स्तर से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने के लिए दबाव है। जाहिर है केंद्र सरकार की गंभीरता से यह तय है कि आनेवाले दिनों में दुमका जिले में तयशुदा लक्ष्य को हासिल करने की बड़ी चुनौती विभाग के समक्ष होगी। दरअसल
केंद्र और राज्य की सरकार ने संयुक्त रुप से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 63 करोड़ 34 लाख 37 हजार रुपए इस योजना पर खर्च करने का प्रावधान किया है। सरकार की निगाह में देश की प्रत्येक तीसरी महिला
कुपोषित और प्रत्येक दूसरी महिला एनीमिक है। ऐसे में ये महिलाएं कम वजन के बच्चों को जन्म देती हैं और यही अल्प पोषण बच्चे के जन्म से प्रारंभ होकर पूरे जीवन को प्रभावित करता है। रिपोर्ट के मुताबिक आíथक एवं सामाजिक परिस्थितियों के कारण कई महिलाओं का प्रसव के एक दिन पूर्व तक काम करना एवं प्रसव के कुछ दिन बाद काम पर वापस लौट जाने की लाचारी है। ऐसे हालात में नवजात स्तनपान से भी वंचित रह जाते हैं और इनमें कुपोषण की संभावना बनी रहती है। केंद्रीय बाल विकास मंत्रालय ने खासतौर पर ऐसी परिस्थितियों से जूझ रही महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से जोड़कर इन्हें आíथक सहायता प्रदान करने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत केंद्र 60 फीसद और राज्य 40 फीसद राशि ऐसी महिलाओं के स्वास्थ्य रक्षा एवं कुपोषण मुक्त बनाने के लिए खर्च करेगी। इसके तहत गर्भवती एवं प्रसूति महिलाओं को उनके बैंक खाते में पांच हजार रुपए तीन किश्तों में तयशुदा मानक पूरा किए जाने पर उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। यह राशि डीबीटी के जरिए सीधे लाभुक महिलाओं के खाते में जाना है।
एक अप्रैल 2016 से गर्भवती महिलाएं पीएम मातृ वंदना की हकदार : प्रधानमंत्री मातृ वंदना के तहत वैसी महिलाओं को लाभ मिल सकता है जो एक अप्रैल 2016 या इसके बाद प्रथम बार गर्भवती होंगी। इसका लाभ इस मियाद की धातृ माताओं को भी मिल सकेगा। गर्भावस्था की तारीख एवं स्टेज की गणना के लिए इनका एलएमपी की तिथि मान्य होगी जो इनके मातृ शिशु कार्ड में अंकित होगी।
अलबत्ता इस योजना का लाभ किसी भी महिला को एक ही बार मिलेगा। किसी महिला के लिए जो अकाल प्रसव, मृत बच्चे को जन्म देती है उसे इस स्थिति में शेष किश्त का भुगतान भविष्य की गर्भावस्था के समय मिलेगा।
ये है राशि भुगतान के लिए तय मानक
-----------
किश्त - शर्त - राशि
---- ---- -----------
प्रथम किश्त - गर्भावस्था का पंजीकरण पोर्टल पर - 1000
द्वितीय किश्त - प्रथम एएनसी पूर्ण करने पर - 2000
तृतीय किश्त - बच्चे का पंजीकरण व टीकाकरण के बाद - 2000
जननी सुरक्षा - इसके तहत योग्य लाभार्थी को 1000
--------------------
तयशुदा लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण
--------------------
दुमका जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अब प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों से पहली बार गर्भवती 10 महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य तय है। मतलब यह कि जिले में 2060 आंगनबाड़ी केंद्र हैं तो लक्ष्य 20,600 महिलाओं का है। जबकि पूर्व में यह लक्ष्य छह तय किया गया था और कुल महिलाओं की संख्या 12060 थी। विभाग भी यह महसूस कर रही है कि लक्ष्य साधना चुनौतीपूर्ण है। संशोधित प्रावधान के तहत इस योजना का लाभ वर्ष 2016 में किसी कारणवश छूटे हुए लाभुकों को भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इस बैकलाग को भी भरने की चुनौती विभाग के समक्ष होगी। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्वेता भारती के मुताबिक जिले में लक्ष्य के विरुद्ध 14000 लाभुकों का इंट्री हो चुका और प्रावधान के तहत आनलाइन इंट्री के औसतन 39 दिनों के अंदर हरहाल में डीबीटी के जरिए उनके खाते में राशि जमा होने का प्रावधान तय है।
कहा कि कई आंगनबाड़ी केंद्रों में अपेक्षा के अनुरुप गर्भवती महिलाएं नहीं मिल पाने की वजह से थोड़ा विलंब जरूर हो रहा है।