वनवासी कल्याण परिषद का गौरव दिवस शुरू
बिरसा मुंडा की जयंती पर वनवासी कल्याण केंद्र की ओर से दुमका समेत पूरे झारखंड में पांच दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की गई। दुमका के बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर वनवासी कल्याण परिषद के सदस्यों की ओर से माल्यार्पण के उपरांत एक संगोष्ठी आयोजित की गई।
जागरण संवाददाता, दुमका: बिरसा मुंडा की जयंती पर वनवासी कल्याण केंद्र की ओर से दुमका समेत पूरे झारखंड में पांच दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की गई। दुमका के बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर वनवासी कल्याण परिषद के सदस्यों की ओर से माल्यार्पण के उपरांत एक संगोष्ठी आयोजित की गई।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती मनाने का उद्देश्य तभी सफलीभूत होगा, जब उनके संघर्ष व बलिदान के झारखंड का समग्र विकास हो सकेगा। प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. पीपी सिंह ने बिरसा मुंडा के संघर्षपूर्ण जीवनी पर विस्तार से चर्चा की। दुमका जिला सचिव इं. कृष्णनंदन सिंह ने कहा कि 15 नवंबर झारखंड के लिए ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण है। कहा कि बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत ही नहीं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी आंदोलन किए थे। यही वजह है कि आज उन्हें आदिवासी समुदाय में भगवान का दर्जा हासिल है। कार्यकारिणी सदस्य अंजनी शरण ने ओजपूर्ण कविता के साथ पूरा राष्ट्र भगवान बिरसामय हो की कामना की।
विश्व हिदू परिषद के सचिव संजय शर्मा ने कविता गाकर उनकी प्रशंसा की प्रशंसा की। मौके पर सुशील सोरेन, अमर गुप्ता, सिद्धनाथ कुमार, शंकर पहाड़िया, अरविद गोराई महादेव देहरी, संजीव गोराई, धनमनी टुडू, प्रभात लायक, विमल मरांडी, सतीश राय, ब्रजकिशोर मिश्र, अजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार सिंह, राजीव मिश्र, संगठन मंत्री कैलाश उरांव मौजूद थे।
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रात्रि पाठशाला चलाने की होगी पहल: सचिव इं. कृष्णनंदन सिंह ने जनजातीय क्षेत्रों में बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, चांद-भैरव एवं तिलका मांझी के नाम पर रात्रि पाठशाला चलाने की योजना तैयार की जा रही है। कहा कि कोविड-19 के बाद इस प्रस्ताव को चरणबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसमें स्थानीय जनजातीय विद्वानों की सहायता ली जाएगी। कहा कि इसके लिए ब्लूप्रिट तैयार कर लिया गया है।