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सीमा विवाद की वजह से नौ घंटे बाद उठा शव

दुमका : शिकारीपाड़ा और मुफस्सिल थाना के सीमा विवाद के बाद शुक्रवार को मुड़भंगा नदी के समीप युवक का शव करीब नौ घंटे तक पड़ा रहा। अमीन की नापी और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आखिरकार मुफस्सिल थाना की पुलिस को शव लेना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:59 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:59 PM (IST)
सीमा विवाद की वजह से नौ घंटे बाद उठा शव
सीमा विवाद की वजह से नौ घंटे बाद उठा शव

दुमका : शिकारीपाड़ा और मुफस्सिल थाना के सीमा विवाद के बाद शुक्रवार को मुड़भंगा नदी के समीप युवक का शव करीब नौ घंटे तक पड़ा रहा। अमीन की नापी और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में आखिरकार मुफस्सिल थाना की पुलिस को शव लेना पड़ा। युवक की हत्या करीब छह दिन पहले की गई और साक्ष्य छुपाने के लिए शव को नदी के समीप जमीन के नीचे दबा दिया गया।

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बताया जाता है कि कुछ कुत्तों ने जमीन के नीचे दबे शव को नोंच रहे थे। सुबह करीब सात बजे उधर से गुजर रहे ग्रामीणों की नजर सुबह शव पर पड़ी तो उन्होंने शिकारीपाड़ा पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर आयी और स्थल मुफस्सिल में होने की बात कहकर चली गई। करीब 12 बजे मुफस्सिल थाना को शव मिलने के बारे में पता चला। पुलिस ने सीमा को शिकारीपाड़ा बता दिया। दोनों थाना की पुलिस एक दूसरे की सीमा बताकर कब्जे में लेने के लिए तैयार नहीं हुई। शिकारीपाड़ा पुलिस ने अपने अमीन को बुलाकर नापी कराई और स्थल दूसरे थाने का बता दिया। इसके बाद मुफस्सिल थाना की पुलिस ने भी सीओ की मदद से स्थल की नापी कराई तो शव उसके क्षेत्र में निकला। शव नदी के अंदर था और उसे मिटटी डालकर छुपाने का प्रयास किया था। इसलिए शव को कब्जे में लेने के लिए मजिस्ट्रेट के रूप में सीओ की तैनाती की गई। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव को निकालकर पुलिस ने कब्जे में लिया। मुफस्सिल थाना की पुलिस निरीक्षक केके ¨सह ने बताया कि सीमा विवाद और मजिस्ट्रेट की वजह से विलंब हुआ। चौकीदार के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। शव पूरी तरह से सड़ चुका है। लगता है कि करीब छह दिन पहले हत्या कहीं और करने के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए शव को नदी के पास मिटटी में दबाने का प्रयास किया गया है।


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