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श्री राम दरबार में भक्तों की है गहरी आस्था

झारखंड की उपराजधानी दुमका के हृदयस्थली टीन बाजार के बीचोंबीच स्थापित है धर्म स्थान मंदिर।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 04:36 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 04:36 PM (IST)
श्री राम दरबार में भक्तों की है गहरी आस्था
श्री राम दरबार में भक्तों की है गहरी आस्था

झारखंड की उपराजधानी दुमका के हृदयस्थली टीन बाजार के बीचोंबीच स्थापित है धर्म स्थान मंदिर। मंदिर में प्रवेश के साथ ही बजरंग बली, गणेश, मां काली, दुर्गा मंदिर, धर्मराज मंदिर, शिव-पार्वती मंदिर, बगुलामुखी मंदिर, संतोषी मां की मंदिर और मंदिर के मुख्य हिस्सा में श्रीराम का दरबार है। दरबार में राम, जानकी, लक्ष्मण और बजरंगबली की भव्य प्रतिमाएं स्थापित है। दुमका में गिने-चुने मंदिरों में एक धर्मस्थान का राम दरबार श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। अभी हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर

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के निर्माण के लिए इसी राम मंदिर के में राम के अनुयायी बैठक न सिर्फ रणनीति बनाते थे, बल्कि निधि संग्रह के लिए घर-घर जाने का ब्लू प्रिट भी यहीं तैयार होता था। फिलहाल कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण धर्मस्थान मंदिर प्रबंधन ने कोविड-19 के गाइडलाइन को सख्ती से पालन करने का निर्णय लिया है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं की भीड़ पर अंकुश लगी लेकिन रामनवमी व मंगलवार से प्रारंभ हो रहे नवरात्रि के दौरान धर्मस्थान स्थान के दुर्गा मंदिर में

कलश की स्थापना विधि-विधान से होगी।

दुमका के प्रज्ञापुरी मोहल्ला के वर्तमान व नोनीहाट के मूल निवासी सेवानिवृत्त सब जज शंभू प्रसाद साह और उनकी धर्मपत्नी स्व.चंपा देवी ने राम के आदर्शों को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से अपने पिता स्व.शिवनंदन प्रसाद साह एवं माता स्व.जानकी देवी की स्मृति में राम दरबार का निर्माण वर्ष 2007 में करवाया है। शंभू प्रसाद साह कहते हैं कि जब इंटरमीडिएट में पढ़ते थे तब से मन में भाव आता था कि एक मंदिर का निर्माण कराना है। उस वक्त बजरंग बली की पूजा-अर्चना

खूब करते थे। बाद में न्यायिक सेवा में नौकरी लग गई और फिर धर्मपत्नी के सहयोग से दुमका के धर्मस्थान प्रांगण में भव्य मंदिर का निर्माण करवाने का सपना साकार किए। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए बीते वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी रामनवमी और नवरात्रि अनुष्ठान समिति व संयमित तरीके से होगा। धर्मस्थान मंदिर प्रबंधन के सदस्य दीपक स्वर्णकार ने कहा कि मंदिर के मुख्य पुजारी नेपाल चंद्र झा की अगुवाई में दो पंडित ही इस वर्ष भी नवरात्रा और रामनवमी का अनुष्ठान कराएंगे।

राम और दुर्गा के दरबार साधारण तरीके से सजाया जाएगा और कोविड-19 के गाइडलाइस का सख्ती से पालन किया जाएगा। श्रीश्री 108 रामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ अनुष्ठान भी दो ही पंडित करेंगे। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनने की अनिवार्यता तय की गई है। -------------------

वर्जन

धर्मस्थान मंदिर के समय-सीमा में बदलाव किया गया है। कोविड-19 को देखते हुए मंदिर सुबह पांच बजे खोला जा रहा है। दिन के एक बजे मंदिर का पट बंद किया जा रहा है और फिर चार बजे खोला जाता है। फिर सात बजे आरती और आठ बजे मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है। दीपक स्वर्णकार, सदस्य, धर्मस्थान मंदिर प्रबंधन, दुमका

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