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मेडिकल कॉलेज में ट्राली मैन की कमी, मरीजों की परेशानी

जागरण संवाददाता दुमका फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अगर आप मरीज के साथ स्वयं देख

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 04:35 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में ट्राली मैन की कमी, मरीजों की परेशानी
मेडिकल कॉलेज में ट्राली मैन की कमी, मरीजों की परेशानी

जागरण संवाददाता, दुमका : फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अगर आप मरीज के साथ स्वयं देखभाल नहीं करते हैं तो भगवान ही मालिक है। किसी तरह की जांच के लिए ट्राली मैन से कोई उम्मीद मत कीजिए। इस समय अस्पताल में जांच के लिए मरीजों को इधर से उधर ले जाने वाला कोई नहीं है। केवल नाम के लिए तीन मैन से किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। जिस कारण स्वजनों को खुद अपने मरीज को स्ट्रेचर से ले जाना पड़ रहा है।

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लोगों का सपना था कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल खुलेगा तो मरीज ही नहीं कर्मियों की सारी परेशानी कम हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। परेशानी कम होने की बजाय और बढ़ गई है। आए दिन डाक्टरों की लापरवाही की वजह से लोग कानून को हाथ में लेने को मजबूर हो जाते हैं। सबसे बुरे हालात वर्तमान में है। अस्पताल में मरीजों को गाड़ी से उतारने और उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने के लिए ट्राली मैन नहीं है। तीन एनजीओ ने चार का चयन किया था। इसमें एक बीमार चल रहा है और तीनों से रोज आठ-आठ घंटे की डयूटी ली जाती है। रात में सेवा देने वाले को दूसरे दिन विश्राम मिलता है। जिसका खामियाजा मरीजों के साथ आने वाले स्वजन को उठाना पड़ता है। शनिवार को काठीकुंड के बाधासोल गांव के वृद्ध राजेश्वर राय को सीटी स्केन कराना था। परिवार के लोग स्वयं उन्हें स्ट्रेचर से लेकर मुख्य द्वार तक आए और आटो से जांच कराने के लिए ले गए। साथ आए परिजनों ने बताया कि मरीज को ऊपर से नीचे उतारने में कितनी परेशानी होती है। यह कैसा अस्पताल हैं जहां खुद ही स्ट्रेचर पर मरीज को उतारना और चढ़ाना पड़ता है।

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तीन एनजीओ ने आठ के लिए किया टेंडर

सदर अस्पताल में लोगों की सुविधा के लिए तीन एनजीओ काम कर रहे हैं। सफाई से लेकर बाकी सारा काम अनुबंध पर रखे कर्मियों से लिया जाता है। एनजीओ ने पहले चार ट्राली मैन को नियुक्त किया था लेकिन अब आ रही परेशानी को देखते हुए इस बार आठ ट्राली मैन के लिए टेंडर किया है। टेंडर फाइनल होने तक लोगों को स्वंय अपने मरीज की देखभाल करनी होगी। ------------------------

वर्जन

चार में एक ट्राली मैन बीमार है। जिसकी रात में डयूटी होती है, उसे अगली सुबह विश्राम दिया जाता है। इसी तरह से तीनों से काम लिया जा रहा है। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है लेकिन इसके अलावा क्या किया जा सकता है। जब तक नए ट्राली मैन नहीं मिलते हैं तब तक पुराने से ही काम लिया जाएगा।

डा. रवींद्र कुमार, अधीक्षक मेडिकल कालेज अस्पताल


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