नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर छात्रवृत्ति के लिए आए आवेदनों में फर्जीवाड़ा
दुमका जिले में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 20-21 के लिए ऑॅनलाइन छात्रवृत्ति आवेदनों की स्वीकृति से पहले की गई गहन जांच के दौरान प्राथमिक स्तर पर ही फर्जीवाड़ा व गड़बड़ियां सामने आ गई हैं।
जागरण संवाददाता, दुमका: जब से राज्य में छात्रवृत्ति वितरण में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है और इसकी जांच एसीबी कर रही है, तब से कल्याण महकमा छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया में अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। यही वजह है कि दुमका जिले में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 20-21 के लिए ऑॅनलाइन छात्रवृत्ति आवेदनों की स्वीकृति से पहले की गई गहन जांच के दौरान प्राथमिक स्तर पर ही फर्जीवाड़ा व गड़बड़ियां सामने आ गई हैं। हाल यह है कि जिले के कल्याण महकमा के 71 शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति के लिए आए ऑनलाइन आवेदनों की जांच में कुल 5600 छात्रों के नाम से आए आवेदनों में मात्र 609 ही सही पाए गए। शेष 4991 छात्रों का आवेदन फर्जी पाया गया है।
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यह है पूरा मामला: केंद्र सरकार के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को शिक्षा के लिए प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट कमिस के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करती है। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से इसके लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रविधान है। आवेदन प्राप्त होने के बाद सबसे पहले इसकी सत्यता की जांच संबंधित शिक्षण संस्थान करता है और फिर इसे जिला स्तर पर भेज दिया जाता है। इसके उपरांत यहां से इसकी स्वीकृति दी जाती है और राज्य को भेज दिया जाता है। राज्य के बाद अंतिम रूप से आवेदन केंद्र को भेजे जाते हैं, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद आवेदक को छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है।
बीते वित्तीय वर्षो में इस छात्रवृत्ति में झारखंड में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी और घोटाला उजागर होने और इसकी जांच एसीबी के माध्यम से किए जाने की सूरत में चालू वित्तीय वर्ष के लिए आए आवेदनों की शुरुआती स्तर पर ही गहनता से छानबीन की जा रही है। दुमका जिले में प्राप्त कुल 5600 आवेदनों की गहन जांच पहले कल्याण विभाग के माध्यम से कराई गई और फिर इसकी जांच प्रखंड विकास पदाधिकारियों के स्तर से कराई गई, जिसमें आवेदनों में गड़बड़ी सामने आई है। जांच के उपरांत जिला प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है।
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एप में खामियों के अलावा कई की भूमिका हो सकती है संदिग्ध: छात्रवृत्ति के लिए आए ऑनलाइन आवेदनों पर संस्थानों की स्वीकृति को लेकर जांच में कई बातें सामने आई हैं। हालांकि जांच की गोपनीयता को देखते हुए इस पर कोई कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि इसके लिए जिस एप का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें ही तकनीकी गड़बड़ी हो। इसके अलावा संस्थान के नोडल ऑफिसर व अन्य जिम्मेवार भी इसके लपेटे में आ सकते हैं। हालांकि कल्याण महकमा का मानना है कि सतर्कता की वजह से गड़बड़ी होने से पहले ही मामला पकड़ में आ गया है, जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया है।
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वर्जन
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वित्तीय वर्ष 20-21 में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से छात्रवृत्ति के लिए 5600 आवेदन आए थे, जिसकी जांच के बाद इसमें 506 आवेदन सही पाए गए हैं। शेष आवेदनों में गड़बड़ी उजागर हुई है। इसकी जानकारी सरकार को दे दी गई है।
अशोक प्रसाद, जिला कल्याण पदाधिकारी, दुमका