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दुमका में मासूम की मौत के बाद ट्रक चालक को ग्रामीणों ने काट डाला

ट्रक की चपेट में आने से सड़क पार कर रहे दो साल के सुबिक मरांडी की मौत हो गई। मौत से नाराज भीड़ ने चालक को धारदार हथियार से काट डाला।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 12:42 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 04:46 PM (IST)
दुमका में मासूम की मौत के बाद ट्रक चालक को ग्रामीणों ने काट डाला
दुमका में मासूम की मौत के बाद ट्रक चालक को ग्रामीणों ने काट डाला

जागरण संवाददाता, शिकारीपाड़ा (दुमका)। शिकारीपाड़ा के दुमका-रामपुरहाट मार्ग में सिमानीजोर गांव के निकट रविवार दोपहर ट्रक की चपेट में आने से सड़क पार कर रहे दो साल के सुबिक मरांडी की मौत हो गई। मौत से नाराज भीड़ ने चालक की पिटायी कर धारदार हथियार से हमला कर काट डाला, चालक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि खलासी जान बचाकर भागने में सफल रहा। मृत चालक 35 वर्षीय मोहन राय बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी के चिरैया थाना के बैद्यनाथ पुर गांव का रहने वाला था। पुलिस सोमवार को दोनों शव का पोस्टमार्टम कराएगी।

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जानकारी के अनुसार, चालक मोहन राय खलासी के साथ मोतिहारी के राजू कुमार की ट्रक लेकर पत्थर चिप्स लेने के लिए शिकारीपाड़ा के सरसडंगाल आया था। वापसी के दौरान चालक गति पर नियंत्रण नहीं रख सका और बहन के साथ सड़क पार कर रहा सुबिक ट्रक की चपेट में आ गया। किसी तरह से बच निकली बहन का शोर सुनकर गांव के लोग एकत्र हुए और ट्रक से उतरकर भागने का प्रयास कर रहे चालक को पकड़कर नीचे उतार लिया। जबकि हादसे के बाद किसी तरह से खलासी बचकर निकल भागा। ग्रामीणों ने चालककी पहले जमकर पिटायी की और फिर धारदार हथियार से गर्दन पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया।

मृतक बच्चे के पिता रमेश मरांडी का कहना था कि सड़क पार करने के क्रम में ट्रक ने बेटे की जान ले ली। घटनास्थल नक्सल एरिया में होने के कारण सूचना मिलने के करीब एक घंटे के बाद इंस्पेक्टर मनोज ठाकुर पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात कर जाम खुलवाया। जाम में कांवरिया के अलावा दूसरे वाहन फंस गए। किसी तरह से दुमका की ओर से जाने वाले वाहन पत्ताबड़ी होकर तारापीठ की ओर गए। मौत और हत्या की सूचना मिलने के बाद एसडीपीओ पूज्य प्रकाश व संतोष कुमार मौके पर पहुंचे और छानबीन की।

मौत के डर से सामने नहीं आया खलासी

हादसे के बाद बच निकले खलासी के दिल में चालक की मौत के बाद इस तरह का डर हो गया कि वह पुलिस के पहुंचने के बाद भी सामने नहीं आया। उसने गाड़ी मालिक को हादसे की जानकारी दी लेकिन डर की वजह से पुलिस के सामने नहीं आया।

बच्चे की मौत के बाद नाराज ग्रामीणों ने चालक को मार दिया। किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। असंवैधानिक कार्य करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। चालक की जान लेने वाले ग्रामीणों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

-पूज्य प्रकाश, एसडीपीओ, दुमका।


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