बढ़ने वाली है पत्थर व्यवसायियों की मुश्किलें
शिकारीपाड़ा के पत्थर व्यवसायियों की
बढ़ने वाली है पत्थर व्यवसायियों की मुश्किलें
जागरण संवाददाता, दुमका : शिकारीपाड़ा के पत्थर व्यवसायियों की परेशानी घटने के बजाए और बढ़ती ही जा रही है। हाल के दिनों में अवैध पत्थर खदान व क्रशरों पर हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब जिला प्रशासन अब इसके आगे की कार्रवाई करने में जुट गया है। शिकारीपड़ा में केंद्रीय कोयला मंत्रालय के माध्यम से आवंटित कोल ब्लाक क्षेत्रों में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से क्रशर यूनिटों को चलाने की दी गई अनुमति आदेश सीटीओ को रद करने की अनुशंसा जिला प्रशासन ने की है। इसके मामले में दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को पत्र भेजकर समुचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। उपायुक्त के स्तर से प्रेषित पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के माध्यम से उत्तर प्रदेश बिजली उत्पादन निगम के पक्ष में करीब 15 वर्ग किलोमीटर के दायरे में संचालित क्रशर इकाईयों की सीटीई और सीटीओ को रद किया जाए। कहा है कि कोल मंत्रालय ने इन क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराने की अनुमति प्रदान की है। पत्र में कहा गया है कि 13 अगस्त 2015 की अधिसूचना से प्रकाशन की तिथि के बाद इन क्षेत्रों में क्रशर यूनिटों को चलाने के लिए सीटीओ दिया जाना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है।
उपायुक्त ने मांगी सीटीओ व सीटीई की सूची : उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव से शहरपुर-जमररूपानी कोल ब्लाक के अंतर्गत 15.1002 वर्ग किलोमीटर के दायरे में स्थित मौजा में संचालित क्रशर यूनिटों और खनन पट्टा के विरुद्ध 13 अगस्त 2015 से अद्यतन अवधि तक पर्षद के स्तर से निर्गत सीटीई और सीटीओ की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में भी इस कोल ब्लाक क्षेत्र में सीटीओ निर्गत नहीं करने के संबंध में नियमानुसार निर्णय लेने की अनुशंसा की है।
15 वर्ग किलोमीटर के दायरे में आने वाले मौजा : कोयला मंत्रालय की ओर से आवंटित शहरपुरपुर-जमरूपानी कोल ब्लाक के 15 वर्ग किलोमीटर में दायरे में आने वाले मौजा सरसडंगाल, जमरूपानी, छोटा चापुरिया, बड़ा चापुरिया, लताकांदर, मकड़ापहाड़ी, हुलासडंगाल, महुलबना, चिरूडीह, कौड़ीगढ़, ढोलकट्टा पहाड़, आमचुआं, सिमानीजोर, दलदली, लांगरभागा, चिपाकडीह, पोखरिया, मंझलाडीह, निझोर, पहाड़पुर, पौड़ावासुरी शामिल है।