मोहलीडीह में मनाई गई जन्माष्टमी
मसलिया में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व वैष्णव मत वृंदावन के अनुसार बुधवार को मनाया गया। इसमें भगवान के बाल्य काल की मूरत को सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित कर चंदन का लेप लगाकर झूलना में झूला कर नंदोत्सव मनाया।
संवाद सूत्र, दलाही: मसलिया में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व वैष्णव मत वृंदावन के अनुसार बुधवार को मनाया गया। इसमें भगवान के बाल्य काल की मूरत को सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित कर चंदन का लेप लगाकर झूलना में झूला कर नंदोत्सव मनाया। भगवान श्रीकृष्ण के इस पर्व पर लोगों ने अपने घरों में ही मनाया। बसकीडीह पंचायत के मोहलीडी गांव में मथुरा के वैष्णव केलेंडर के मुताबिक श्रीकृष्ण पूजा अर्चना भजन भोग संध्या आरती का आयोजन किया। मोहलीडीह गांव के राघव पंडित ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में बाल लीलाओं को रचाया था उनके लीलाओं का जहां भी गुणगान किया जाता है वहां भी वृंदावन हो जाता है। उन्होंने कारागार में जन्म लेकर द्वारिकापुरी का राजा बनकर लोगों को यह शिक्षा दिए। कि मनुष्य कर्मयोग से सब कुछ हासिल कर सकता है।
कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को योगेश्वर श्रीकृष्ण भी कहा जाता है। उन्होंने जनमानस को गाय बैल चराकर यह संदेश दिया कि पशु पक्षी प्राणियों से प्रेम करना चाहिए एवं कोई भी कार्य छोटा नहीं होता है। हर वर्ष भगवान के जन्मोत्सव भव्य रूप से झांकी निकाल कर मनाया जाता था पर कोरोना के कारण घरों तक सीमित रहकर मनाया गया। मौके पर लक्ष्मी देवी, राहुल पंडित, रुम्पा पंडित, ़खुशी पंडित उपस्थित रहे।