जय बाबा बासुकीनाथ आज साक्षात दर्शन हो गयो
बासुकीनाथ लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस का लाठी चलाते विडियो सोशल मिडिया पर वायरल होते आपने खूब देखा है। कहीं घर में घुस की पिटाई करते तो कहीं लॉकडाउन तोड़ने पर सड़क पर लोगों को मेंढ़क की चालक में रेंगते। लेकिन इन सबके बीच पुलिस का एक ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है जो कि आपका नजरिया बदल देगा की पुलिस सिर्फ पीटती नहीं है लोगों की मदद भी करती है। मंगलवार को जिले के बासुकीनाथ में एक ऐसा हीं मामला सामने आया। जो कि आपके दिल आहलादित कर देगा बल्कि पुलिस के प्रति आपका नजरिया बदल देगा।
जरमुंडी थाना के पुलिस का मानवीय चेहरा आया सामने
मदद के बाद फोटो व नाम छापने से किया इंकार
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ : लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस का लाठी चलाते विडियो सोशल मिडिया पर वायरल होते आपने खूब देखा है। कहीं घर में घुस की पिटाई करते तो कहीं लॉकडाउन तोड़ने पर सड़क पर लोगों को मेंढ़क की चालक में रेंगते। लेकिन इन सबके बीच पुलिस का एक ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया है जो कि आपका नजरिया बदल देगा की पुलिस सिर्फ पीटती नहीं है लोगों की मदद भी करती है। मंगलवार को जिले के बासुकीनाथ में एक ऐसा हीं मामला सामने आया। जो कि आपके दिल आहलादित कर देगा बल्कि पुलिस के प्रति आपका नजरिया बदल देगा।
दोपहर के एक बजे के करीब सूर्यदेव भी अपनी पूरी क्षमता के साथ चमक रहे हैं। तपती धूप में पुलिस कर्मी नंदी चौक पर अपने कर्तव्य का निर्वहण कर रहे हैं। इसी तपती धूप में एक युवक रमेश हांसदा पसीने से तरबतर होकर साइकिल खींचते हुए जरमुंडी की ओर जा रहा था। तभी पुलिस के जवानों ने अपनी चमकती लाठी दिखाते युवक को कड़ी धूप में बाहर जाने का कारण डपटते हुए पूछा। जिसके बाद रमेश सहमा हुआ उतरा और पुलिस से बताया कि साहब सुबह से बच्चे भूखे हैं। घर में अन्न का एक दाना नहीं है। जिसके बाद पुलिसकर्मी ने पूछा की गांव में कोई दुकान नहीं है क्या? तो रमेश ने बताया कि उसके गांव में दो दुकान है। एक से उधार लेन देन करता है लेकिन उसने अब उधार देने से मना कर दिया है। जिसके बाद वह जरमुंडी बाजार पर एक दुकानदार से राशन उधार लेने जा रहा है। जिसके बाद पुलिसकर्मी ने उससे पूछा की उसके पास कितने रुपये हैं? तो रमेश ने बताया कि साहब एक भी रुपये नहीं हैं, उधार लाने जा रहे हैं इस पर जरमुंडी थाना के एक पुलिसकर्मी ने उसे पांच सौ का दो नोट देते हुए कहा कि जल्दी जाओ और राशन लेकर बच्चों को पहले खाना खिलाओ। इसके बाद रमेश पांच सौ के दोनों नोट को हाथ में लेकर बाबा बासुकीनाथ के मंदिर की ओर मुख करके प्रणाम करते हुए बोला कि जय बाबा बासुकीनाथ आज साक्षात दर्शन हो गयो। इसके बाद संतोष के भाव के साथ साइकिल पर चढ़ा और जरमुंडी की ओर निकल गया। वहीं रुपये देने वाले अधिकारी ने अपना नाम व फोटो छापने से मना कर दिया।