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सिचाई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की पहल तेज

जागरण टीम, दुमका : उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के नेतृत्व में गुरुवार को मसलिया प्रखंड के बड़ा डुमरिया प

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 01:07 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 01:07 AM (IST)
सिचाई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की पहल तेज
सिचाई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की पहल तेज

जागरण टीम, दुमका : उपायुक्त रविशंकर शुक्ला के नेतृत्व में गुरुवार को मसलिया प्रखंड के बड़ा डुमरिया पंचायत के गाड़ापाथर व घुरमुंदनी नदी घाट पर प्रस्तावित बराज परियोजना के स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने नदी की स्थिति के बारे में आसपास के ग्रामीणों से जानकारी ली। उपायुक्त ने ग्रामीणों से कहा कि प्रस्ताव बराज बनने से इस इलाके में सिचाई की सुविधा बहाल हो सकेगा। किसान सालभर खेती कर सकेंगे। ग्रामीण बालेश्वर महतो, ग्राम प्रधान रामकृष्ण महतो आदि ने बताया कि नदी के बीचोबीच अगर क्रोस डेम बन जाये और खेतों तक पानी ले जाने की व्यवस्था कर दी जाए तो गाड़ापाथर ग्राम वासी सालों भर खेती कर सकेंगे। लोगों ने काली मंदिर से नदी तक सात सौ मीटर पीसीसी सड़क बनाने की मांग रखी। डीसी रविशंकर शुक्ला ने कहा कि चेकडेम प्राकलन राज्य को भेज दिया जाएगा वहीं तत्काल सड़क के लिए मोरम मिट्टी का सड़क बना दिया जाएगा। कहा कि मोटर लिफ्ट से आने वाले समय में ग्रामीणों को नदी से खेतों के लिए प्रचूर मात्रा में पानी मिलेगा। ग्रामीण फागू महतो ने तालाब की तो राजदेव पांवरियां ने कुआं की मांग की। मौके पर पथ प्रमंडल विभाग के कार्यपालक अभियंता ई.हरेंद्र कुमार,विधायक प्रतिनिधि निशित वरण गोलदार,एई विकास कुमार, मुखिया प्रमिला किस्कु समेत कई मौजूद थे। ग्रामसभा में बीयर निर्माण में आ रही बाधा होगी दूर

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जामा : जामा प्रखंड क्षेत्र के हररखा एवं बांदो गांव के निकट मयूराक्षी नदी पर प्रस्तावित बीयर निर्माण कार्य में ग्रामीणों द्वारा लगाए गए रोक के मद्देनजर गुरुवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। सिचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार,जामा के बीडीओ सिद्धार्थ शंकर यादव,अंचल अधिकारी आशीष कुमार मंडल, थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह , सहायक अभियंता सहित अन्य पदाधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे। बैठक के दौरान बीयर निर्माण की समस्यों से संबंधित बिदुओं पर ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने बीयर अप स्टीम में दोनों बैंक पर खेतों से पानी निकासी की समस्या होने की आशंका जताई। इस पर उपस्थित अभियंताओं ने कहा कि नदी के दोनों किनारों पर नदी तल में पानी की निकासी के लिए 300 एमएम व्यास का लोहे का पाइप का प्राविधान किया जाएगा एवं ऊपर चैंबर बनाकर खेतों की पानी की निकासी के लिए अलग से एक पाइप को लोहे के पाइप से जोड़कर खेतों की पानी को बियर के डाउन स्टीम में बहा दिया जाएगा। इससे ग्रामीणों के खेतों में जल जमाव की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। प्राक्कलन में गार्ड वाल एवं नदी के किनारों पर बांध भी बनाने का प्राविधान है। इससे खेत जलमग्न नही होंगे। ग्रामीणों द्वारा दूसरी आशंका जताई गई कि बीयर निर्माण के उपरांत नदी से सटे हुए खेती योग्य भूमि डूब सकता है। इसके लिए अभियंताओं ने आश्वस्त किया कि विभाग द्वारा सरकारी प्राविधान के अनुसार किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। कार्यपालक अभियंता, बीडीओ एवं अंचलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि निर्माण के दौरान किसी भी रैयत का जमीन नहीं ली जाएगी।


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