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मानव श्रृंखला बनाकर धर्मकोड की अनुशंसा करने की मांग

संताल परगना महाविद्यालय दुमका के समक्ष रविवार को आदिवासी छात्र संघ द्वारा 2021 की जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड लागू कराने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:22 PM (IST)
मानव श्रृंखला बनाकर धर्मकोड की अनुशंसा करने की मांग
मानव श्रृंखला बनाकर धर्मकोड की अनुशंसा करने की मांग

जागरण संवाददाता, दुमका: संताल परगना महाविद्यालय, दुमका के समक्ष रविवार को आदिवासी छात्र संघ द्वारा 2021 की जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड लागू कराने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया। वैश्विक महामारी काल में शारीरिक दूरी रखते हुए मास्क पहनकर मानव श्रृंखला बनाया गया। इसका मूल मकसद था कि झारखंड सरकार आदिवासी धर्म कोड विधेयक की अनुशंसा कर केंद्र सरकार को भेजे।

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प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि जनगणना प्रपत्र में 6 कॉलम रखा गया है, हिदू ,मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन। वहीं भारत वर्ष में आदिकाल के सर्वप्रथम निवासी आदिवासी हैं, लेकिन विडंबना है कि वह इसमें नहीं हैं। ऐसे में आदिवासी धर्म कोड को षड्यंत्र के तहत देश में खत्म करने की साजिश रची जा रही है। श्रृंखला बनाने वाले छात्रों में श्यामदेव हेंब्रम ,राजेंद्र मुर्मू, जोसेफ बास्की, थॉमस मुर्मू, उपेंद्र मरांडी, मुनीलाल हेंब्रम, विमल कुमार टुडू, सुलिश सोरेन, इमानुएल हेंब्रम, अरविद मरांडी, देवीशल मुर्मू, रवींद्र मरांडी, हरेंद्र हेंब्रम, वीरेंद्र बास्की, संजय हांसदा, शिवा हेंब्रम, जितेंद्र मरांडी, सनीलाल हांसदा, लालटू मरांडी, जियाधन मुर्मू, जागेश्वर मरांडी, दिनेश मुर्मू, मिथियस हेंब्रम, दुर्गा मुर्मू एवं अन्य थे।


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