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चावल से लेकर गोबर तक में छुपाया था लूट का पैसा

दुमका मछली व्यवसायी से लूट के बाद एसपी ने मामले के उदभेदन को लेकर तीन टीमों का गठन किया था। पहले दो दो तीन दिनों तक तो पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा। लेकिन उसके बावजूद पुलिस उदभेदन में लगी रही। जिसके बाद पुलिस को अनुंसधान के क्रम में पालोजोरी के एक दुकान में लगे सीसीटीवी फूटेज से सुराग हाथ लगा। जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गिरोह तक पहुंच कर अपराधियों को गिरफ्तार किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 05:35 PM (IST)
चावल से लेकर गोबर तक में छुपाया था लूट का पैसा
चावल से लेकर गोबर तक में छुपाया था लूट का पैसा

पालोजोरी के एक दुकान से पुलिस को मिला थी सीसीटीवी

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मोबाइल नंबर का पीछा करते हुए पुलिस ने लिया शिकंजे में

जागरण संवाददाता, दुमका :

मछली व्यवसायी से लूट के बाद एसपी ने मामले के उदभेदन को लेकर तीन टीमों का गठन किया था। पहले दो दो तीन दिनों तक तो पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा। लेकिन उसके बावजूद पुलिस उदभेदन में लगी रही। जिसके बाद पुलिस को अनुंसधान के क्रम में पालोजोरी के एक दुकान में लगे सीसीटीवी फूटेज से सुराग हाथ लगा। जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गिरोह तक पहुंच कर अपराधियों को गिरफ्तार किया।

अनुसंधान और सीसीटीवी की मदद से वारदात के महज 15 दिन के अंदर पुलिस आंध्रप्रदेश के मछली व्यवसायी हमद शरीफ से 20 लाख रुपया लूटने वाले अपराधियों तक पहुंच सकी। इमामुददीन अंसारी के घर के बाहर से प्रयुक्त लाल रंग की कार बरामद करने के बाद पुलिस बाकी अपराधियों तक पहुंच गई। गिरफ्तार अपराधियों का साइबर अपराधियों से भी संपर्क है।

गोबर के ढेर में छुपा दिया था पैसा

लूट में हिस्सा मिलने के बाद अपराधियों ने अपना पैसा सुरक्षित रख दिया था। कुछ पैसा खर्च कर दिया। अब्दुर रउफ के घर से पुलिस ने लूट में प्रयुक्त बाइक बरामद की। उसने 2.50 लाख रुपया चावल के ड्रम में छुपाकर रखा था। वहीं अब्दुल मजीद ने भी 1.50 लाख रुपया प्लास्टिक में लपेटकर गोबर के ढेर में छुपा दिया और बाकी एक लाख पंखा के ऊपर लगे कप में छिपा दिया था।

विजयपुर के रास्ते भागे थे अपराधी

27 जून को वारदात को अंजाम देने के बाद महज आधे घंटे में सभी अपराधी विजयपुर होते हुए देवघर की ओर निकल गए। पुलिस भी इसी रास्ते को सही मानकर आगे बढ़ रही थी। रास्ते में हर दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी को खंगाला गया लेकिन कुछ पता नहीं चला। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को पालोजोरी में एक कपड़े की दुकान में लगे सीसीटीवी में कार नजर आयी। इसके बाद पुलिस ने टावर डंप करके उस मोबाइल नंबर को खोज निकाला, जिससे वारदात से कुछ पहले और बाद में लगातार बात हुई थी। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले इमामुददीन अंसारी के घर के बाहर खड़ी कार जब्त की और उसे भी गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर तीन अन्य आरोपियों को पकड़कर उनके पास से लूट का साढ़े सात लाख रुपया बरामद किया। कई बार हुई थी लूट की कोशिश

एसपी ने बताया कि संताल परगना के इन अपराधियों को पूíणयां के एक ट्रांसपोर्ट कार्यालय में काम करने वाले एक व्यक्ति ने सारी जानकारी उपलब्ध करायी थी। उस व्यक्ति का संबंध अपराधियों से है। व्यक्ति को पता था कि व्यवसायी 20 लाख रुपया लेकर घर जा रहा है। उसने इसकी जानकारी लुटेरों को दी। लुटेरों ने पूíणयां से ही ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया था। रास्ते में प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सकी। रिगरोड में गड्ढों की वजह से जैसे ही ट्रक की गति कम हुई, अपराधियों ने व्यवसायी को दबोच लिया। अब पुलिस पूíणयां के उस व्यक्ति की तलाश कर रही है। बंगाल व बिहार तक लगी रही पुलिस

वारदात के बाद पुलिस अधीक्षक ने तीन टीम का गठन किया। पहली टीम में एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, पुलिस निरीक्षक नवल किशोर सिंह, हंसडीहा थाना प्रभारी अमित लाकड़ा, टोंगरा थाना के श्यामल कुमार मंडल, नगर के लखबीर सिंह चहल व तकनीकी शाखा के अमित कुमार, दूसरी में एसडीपीओ अनिमेष नथानी, नगर प्रभारी संजय कुमार मालवीय, पुलिस केंद्र के शशिकांत ठाकुर व तीसरी टीम के डीएसपी विजय कुमार, पुलिस केंद्र के देवव्रत पोददार, मनोज मिश्रा व वीरेंद्र कुमार को शामिल कर सभी को अपराधियों की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया। इन टीमों ने बंगाल, बिहार और असम तक छानबीन की। नवल किशोर टीम के साथ सात दिन तक बिहार में ही जमे रहे। पुलिस ने जिस रास्ते से मछली का ट्रक गुजरा, वहां के लोगों से पूछताछ की। साइबर अपराधियों से भी है सांठगांठ

लूट में गिरफ्तार अपराधियों का संपर्क साइबर अपराधियों से भी है। इतना ही नहीं इनके तार लूट व डकैती करने वाले गिरोह से भी जुड़े हैं। यह बात पुलिस की छानबीन में सामने आयी है। अब्दुर रउफ साइबर अपराध का गढ़ माने जाने वाले जामताड़ा के नारायणपुर का रहने वाला है। साइबर डीएसपी श्रीराम समद अब लुटेरे और साइबर अपराधियों के कनेक्शन की जांच कर रहे हैं।


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