पीएम के भाषण में किसानों को मिला आश्वासन
कृषि विज्ञान केंद्र दुमका के सभागार में शुक्रवार को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि कार्यक्रम के दौरान करीब एक घंटे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को किसानों ने पूरी तन्मयता से सुना। पीएम मोदी द्वारा जब ऑनलाइन नौ करोड़ किसानों के खाते में करीब 1800 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजने के लिए जब बटन दबाया गया तो सामने बैठे किसानों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, दुमका : कृषि विज्ञान केंद्र दुमका के सभागार में शुक्रवार को प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि कार्यक्रम के दौरान करीब एक घंटे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को किसानों ने पूरी तन्मयता से सुना। पीएम मोदी द्वारा जब ऑनलाइन नौ करोड़ किसानों के खाते में करीब 1800 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में भेजने के लिए जब बटन दबाया गया तो सामने बैठे किसानों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया। पीएम मोदी के द्वारा दिए गए किसान कानून से जुड़ी बातों को भी किसानों ने पूरी गंभीरता से सुना। खासकर मंडियों को समाप्त नहीं करने, बाजारीकरण के लाभ, कांट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों की जमीन किसानों के पास ही रहने और छोटे-छोटे फामर्स बॉडी ऑर्गेनाइजेशन गठित करने के बारे में पीएम द्वारा दी गई जानकारियों को सुनकर किसानों के चेहरे एक संतोष का भाव झलक रहा था। इधर पीएम मोदी के संबोधन से पूर्व केवीके के प्रभारी प्रमुख डॉ.संजय कुमार ने किसानों से कहा कि वे लोग जागरूक होकर सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लें। कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के तहत किसानों को छह हजार रुपये सलाना दी जाती है। यह राशि किसानों के खाते में तीन किस्तों भेजने का प्राविधान है। इस राशि से किसानों को शुरूआत में बीज, खाद या जुताई के लिए डीजल के मद में दी जाती है। इसकी वजह से किसान सूदखोर व बिचौलियों की चंगुल में फंसने से भी बच जाते हैं। इसी दौरान उन्होंने आधुनिक खेती और अन्य व्यवसायायों से लाभ लेने एवं आधुनिक बाजारीकरण पर ध्यान देने के लिए जागरूक किया। इस कार्यक्रम में परोक्ष रूप से 16 एवं मोबाइल एप पर 145 किसान जुड़े हुए थे। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी एवं स्व.मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देकर की गई। मौके पर क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के डॉ.पीबी साहा, डॉ.सुनील कुमार, डॉ.एके साहा, केवीके के ओमप्रकाश मिश्र, अमित कुमार के अलावा लकड़जोरिया, आंदीपुर, गमरा, सीतासाल, जरमुंडी, अंबा, महिला, चिलरा, जियापानी, विजय बांध समेत कई गांव के किसान मौजूद थे।