बजट पर टिकी बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद
वैसे तो दुमका को उपराजधानी का दर्जा मिला हुआ है लेकिन फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल चालू होने के बाद भी लोगों को वह सुविधा नहीं मिल पा रही है जिसका सपना लोगों ने संजो रखा था।
जागरण संवाददाता, दुमका: वैसे तो दुमका को उपराजधानी का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल चालू होने के बाद भी लोगों को वह सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिसका सपना लोगों ने संजो रखा था। आज भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आने वाले मरीजों का बेहतर उपचार करने के बाद रेफर कर दिया जाता है। आने वाले बजट से उम्मीद है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ नया होगा।
कहने के लिए दुमका में ग्रामीणों की स्वास्थ्य सेवा के लिए 249 प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल है। मेडिकल कॉलेज में चार ऑपरेशन थिएटर, डायलिसिस, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे आदि की बेहतर सुविधा है। इसके अलावा जिले में करीब एक दर्जन से अधिक निजी नर्सिंग होम चल रहे हैं। इस हिसाब से पूरे जिले में बेहतर सेवा देने के लिए 192 डॉक्टरों की आवश्यकता है, लेकिन महज 77 ही अपनी सेवा दे रहे हैं। डाक्टरों की इसी कमी की वजह से यहां आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए देवघर व सिउड़ी रेफर कर दिया जाता है। लाखों खर्च होने के बाद भी जिले से रेफर होने का कलंक नहीं मिट सका।
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इन व्यवस्थाओं की भी है जरूरत: जिले में हर साल करीब तीन सौ लोगों की हादसे में मौत होती है। चार साल पहले जामा प्रखंड के समीप ट्रामा सेंटर खोलने की बात चली थी, लेकिन आज तक इस पर काम नहीं हो सका। अगर सेंटर बन जाता है तो बड़ी संख्या में रेफर होने वाले यहां इलाज कर मौत के आगोश में जाने से बच सकते हैं। कहने के लिए बर्न वार्ड बना है, लेकिन संसाधन की कमी की वजह से चालू नहीं हो सका। मेडिकल कॉलेज अस्पताल का अपना ब्लड बैंक नहीं है। आवश्यकता होने पर एक किलोमीटर दूर समाहरणालय परिसर के समीप बने रक्त अधिकोश से लेना मंगवाना पड़ता है। कई बार इसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग उठी, लेकिन इसपर अमल नहीं हो सका।
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विशेषज्ञ की राय
उपराजधानी होने के नाते यहां पर स्वास्थ्य सेवा में और बेहतर करने की जरूरत है। गंभीर रूप से घायलों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिले में भेजना पड़ता है। ट्रामा सेंटर की सख्त जरूरत है। डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली के लिए विशेष रूप से काम करने की आवश्यकता है। आज भी दूर दराज के लोगों को समय पर सेवा नहीं मिल पाती है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग से बजट में प्रावधान होना चाहिए। अगर जरूरत के अनुसार डॉक्टर मिल जाते हैं तो दुमका बेहतर कर सकता है। स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता है। पिछड़े क्षेत्र के लोगों को ध्यान में रखकर बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए।
डा. रवींद्र कुमार, अधीक्षक फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल दुमका