बाबा के दर्शन को ई-पास अनिवार्य नहीं
देशभर में कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिर प्रबंधन के द्वारा लिये गए निर्णय के अनुसार बासुकीनाथ धाम में बुधवार से अरघा से जलाभिषेक शुरू हो गया है।
देशभर में कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिर प्रबंधन के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार बासुकीनाथ धाम में बुधवार से अरघा से जलाभिषेक शुरू हो गया है। बीते वर्ष 2020 व 2021 में भी वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर बासुकीनाथ में लंबे समय तक स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी गई थी। वर्ष 2020 में जलाभिषेक पर लगाए गए रोक के बाद करीब सात महीने बाद अरघा लगाया गया था। वैसे ही वर्ष 2021 में भी लंबे समय तक पूजन बंद कर दिया गया था। बुधवार से श्रद्धालुओं के लिए बाबा बासुकीनाथ मंदिर में अरघा के माध्यम से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है। इस बारे में जानकारी देते हुए बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष ओझा ने कहा कि बासुकीनाथ मंदिर में सुबह छह से लेकर शाम चार बजे तक अरघा से जलाभिषेक की अनुमति होगी। इसमें शामिल होने के लिए आफलाइन व्यवस्था है। ई-पास की अनिवार्यता नहीं रहेगी। एक घंटे में अधिकतम 100 श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए यह निर्णय अचानक से लिया गया है। बुधवार को बासुकीनाथ मंदिर के गेट पर पुलिसकर्मी तैनात थे एवं बिना मास्क पहने किसी भी यात्री को प्रवेश करने नहीं दे रहे थे।
वहीं बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन के कर्मी, मंदिर गार्ड यात्रियों को कतारबद्ध व्यवस्था के द्वारा अरघा के माध्यम से जलाभिषेक करा रहे थे। इस मौके पर बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी आशुतोष ओझा, पुलिस निरीक्षक दयानंद साह के देखरेख में सहायक प्रबंधक सुभाष राव, मदन झा, बृजेश झा, रविद्र मोदी, मंदिर गार्ड कपिलदेव पंडा, गौतम राव, उदय मंडल, सत्यवान पंडा, नंदकिशोर ठाकुर एवं मंदिर प्रबंधन के अन्य कर्मी, जरमुंडी थाना के एसआई प्रभात कुमार रवानी, एएसआई योगेंद्र शर्मा, विजय सिंह, संदीप सिंह एवं अन्य पुलिस पदाधिकारी सक्रिय दिखे।
--
कोविड-19 की वजह से प्रभावित रही है पूजा पद्धति
--
वर्ष 2020 और 2021 में भी कोविड-19 संक्रमण की वजह से स्पर्श पूजा पर रोक लगाई गई थी। वर्ष 2020 में करीब सात महीने के बाद 16 अक्टूबर से अरघा से जलाभिषेक की व्यवस्था बहाल हुई। छह फरवरी 2021 को स्पर्श पूजा की शुरुआत हुई। पुन: दो महीने बाद दो अप्रैल से स्पर्श पूजा पर रोक लगाते हुए अरघा से जलाभिषेक की शुरुआत कराई गई।
--
ध्यान देने योग्य खास बातें -
---
-10 घंटे तक श्रद्धालुओं को अरघा के माध्यम से जलार्पण की सुविधा
- दोनों डोज का टीकाकरण, मास्क व शारीरिक दूरी के पालन की अनिवार्यता
- कोविड-19 के संदर्भ में दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने पर जोर