किशोरी ने परिवार के साथ जाने से किया इन्कार
बालिका ने परिवार के साथ जाने से किया
किशोरी ने परिवार के साथ जाने से किया इन्कार
जागरण संवददाता, दुमका: घर से भाग कर अपने प्रेमी के घर में रह रही काठीकुंड की 17 वर्षीय किशोरी को चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर निशा कुमारी ने सोमवार को बाल कल्याण समिति के बेंचआफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। काठीकुंड थाना की पुलिस ने इस किशोरी को रनअवे करार देकर चाइल्डलाइन को सौंपा है। किशोरी के पिता ने एसपी को आवेदन देकर गुहार लगाई थी िक उनकी बेटी को 22 जून से बंधक बना कर रखा गया है और जब वह उसे लेने के लिए गये तो उनके साथ मारपीट की गई। जिसमें किशोरी की मां गंभीर रूप से घायल होने के कारण पीजेएमसीएच में भर्ती है। इस घटना को लेकर काठीकुंड थाना में चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी तो दर्ज की गई है लेकिन किशोरी को बरामद नहीं किया गया। काठीकुंड थाना के मुताबिक किशोरी को ग्राम प्रधान के द्वारा थाना पहुंचाया गया पर समिति को दिये बयान में किशोरी ने बताया कि उसे उसी लड़के ने थाना पहुंचाया है जिसके घर में वह रही थी। यह लड़का भी इस मामले में नामजद अभियुक्त है। समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डा.राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने किशारी, उसके पिता और चाचा का बयान दर्ज किया। अपने बयान में किशोरी ने बताया कि उसने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की है। उसके पिता उसकी शादी करना चाह रहे थे इसलिए 22 जून को वह गांव में ही अपनी एक सहेली के घर चली गयी थी। 24 जून को उसके घरवाले और गांव के कलम मरांडी के बीच झगड़ा हो गया था। 26 जून की रात में सहेली के भाई ने उसे काठीकुंड थाना पहुंचा दिया। वह अपने माता-पिता के घर नहीं जाना चाहती है बल्कि कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ाई जारी रखना चाहती है। उसके पिता और चाचा ने अपने बयान में बताया कि किशोरी को जबरन रखा गया था। इस परिस्थिति में समिति ने बालिका के सर्वोत्तम हित में उसे बालगृह में आवासित कर दिया है।