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आसनबनी डाकघर की जमीन को लेकर ग्रामीणों में विवाद

आसनबनी डाकघर की जमीन पर कब्जे का मामला गहराने लगा है। सात सितंबर को गांव के सोलह आना रैयत पंचायत के मुखिया पंचायत समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आवेदन देकर दाग संख्या 878/648 की एक कट्ठा नौ धुर जमीन को व्यवसायी सुभाष मोदी एवं उसके दो भाइयों से मुक्त कराने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 07:12 PM (IST)
आसनबनी डाकघर की जमीन को लेकर ग्रामीणों में विवाद
आसनबनी डाकघर की जमीन को लेकर ग्रामीणों में विवाद

संवाद सहयोगी, रानीश्वर: आसनबनी डाकघर की जमीन पर कब्जे का मामला गहराने लगा है। सात सितंबर को गांव के सोलह आना रैयत, पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आवेदन देकर दाग संख्या 878/648 की एक कट्ठा नौ धुर जमीन को व्यवसायी सुभाष मोदी एवं उसके दो भाइयों से मुक्त कराने की मांग की है। इस मामले में उच्चाधिकारी के आदेश पर अंचल अधिकारी अतुल रंजन भगत ने राजस्व कर्मचारी से जमीन की जांच कराने के बाद शुक्रवार को ग्रामीणों के प्रतिनिधि बबलू दत्ता, गाटू कनानीया एवं विपक्षी सुभाष मोदी, महावीर मोदी एवं बाबूलाल मोदी की मौजूदगी में सुनवाई की।

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अंचल अधिकारी ने ग्रामीणों के प्रतिनिधियों को बताया कि डाक विभाग की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, जबकि विपक्षी सुभाष मोदी के पास दाग संख्या 648 ए में एक कट्ठा नौ धुर जमीन की बंदोबस्ती का कागजात है। सीओ ने उस जमीन पर मोदी परिवार को कब्जा कर निर्माण करने का मौखिक आदेश दिया है। इधर, इस आदेश के बाद ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का आरोप है कि संताल परगना काश्तकारी कानून के कस्टोडियन द्वारा ही कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। इस कानून में किसी को घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाने के लिए जमीन बंदोबस्ती देने प्राविधान नहीं है। काश्त जमीन को यहां भूमि राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारी की गलत रिपोर्ट के आधार पर बंदोबस्त दिया गया है। सोलह आना रैयत उसी का विरोध कर डाकघर की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का मांग कर रहे हैं।

न्यायालय में लंबित है मामला: इधर, डाक निरीक्षक समीर मंडल ने कहा कि डाकघर की जमीन के अतिक्रमण को लेकर आयुक्त संताल परगना के न्यायालय में मामला लंबित है। दो फरवरी 2021 को इस पर सुनवाई होना है। इस संबंध में सीओ ने कहा कि ग्रामीणों के प्रतिनिधि को किसी सक्षम न्यायालय से मोदी की बंदोबस्ती का स्थगन आदेश लाकर प्रस्तुत करने कहा गया है।


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