देश भर में आदिवासियों का बढ़ाया मान : डा.लुइस
राजग की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल
देश भर में आदिवासियों का बढ़ाया मान : डा.लुइस
जागरण संवाददाता, दुमका : राजग की ओर से झारखंड की पूर्व राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने से देश भर में आदिवासियों का मान बढ़ा है। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला है। यह बातें बुधवार को पूर्व मंत्री डा. लुइस मरांडी ने कही। उन्होंने कहा कि ओड़िशा जैसे पिछड़े राज्य जहां महिलाओं को आज भी हक व अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ता है उस राज्य से आदिवासी समुदाय की महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए नामित किया जाना ने भाजपा की दूरदर्शिता और सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के मूलमंत्र को सार्थक किया है। डा. लुइस ने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वह कैबिनेट मंत्री थीं और द्रौपदी मुर्मू राज्यपाल थीं तब उनसे अक्सर मुलाकात होती थी। इस दौरान उनकी सरलता व आत्मीय भाव से यह सहज अंदाजा लगता था कि वह राज्यपाल से अधिक एक महिला हैं जो किसी भी मामले को बहुत ही गंभीरता से लेना जानती थीं। खासकर शिक्षा व महिला सशक्तिकरण व सुरक्षा को लेकर उनकी सोच अत्यंत तीक्ष्ण थीं।
बातचीत के क्रम में वह अक्सर इस बात का जिक्र किया करती थीं कि झारखंड का समग्र विकास तभी संभव हो सकेगा जब यहां कि आधी आबादी व जनजातीय समाज का पूर्ण रूप से उत्थान होगा। दुमका में बतौर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के आगमन के दौरान राजभवन में हुई मुलाकात की यादों को ताजा करते हुए कहा कि दुमका और संताल परगना के बारे में जानने व समझने की जिज्ञासा गजब की थी। वह यहां के रहन-सहन, सामाजिक विविधता, सामाजिक ताना-बाना और आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों को गहराई से जानने को इच्छुक रहती थीं। शिक्षा के क्षेत्र में विकास और सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय की तरक्की को लेकर भी वह सदैव प्रयासरत थीं। डा. लुइस ने कहा कि उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय के विकास के कई आयाम जुड़े हैं। डा. लुइस ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त व संघर्षशील महिला के साथ सख्त निर्णय लेने वाली कुशल प्रशासक भी हैं।