पहले दें हिसाब फिर करें वोट का फैसला
दुमका : गोपीकांदर प्रखंड के कई गांव आज भी विभागीय उदासीनता की वजह से विकास योजनाओं से काफी दूर हैं। आज भी गांव में बिजली, पानी व सड़क जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव है।
दुमका : गोपीकांदर प्रखंड के कई गांव आज भी विभागीय उदासीनता की वजह से विकास योजनाओं से काफी दूर हैं। आज भी गांव में बिजली, पानी व सड़क जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव है। प्रखंड के दुंदवा गांव की जनसंख्या करीब आठ सौ है। यहां पहाड़िया, संताल और लोहार जाति के ग्रामीण रहते हैं। पूरा गांव नौ टोला में बंटा हुआ है। सबसे बड़ी समस्या बिजली की है। कई वर्षो बाद एक वर्ष पूर्व गांव में बिजली आयी थी, लेकिन विगत एक वर्ष से गांव में ट्रांसफार्मर लगा होने के बाद भी बिजली नहीं है। पोल और तार भी गांव के कई टोला में नहीं पहुंचा है। कई हाई वोल्टेज पोल के तार गायब हैं। ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि बेंघा गांव का बिजली मिस्त्री प्रदीप दास तारों की चोरी करता है। ग्रामीणों ने विभाग से उसे हटाकर दूसरे को बहाल करने की मांग की है। वहीं गांव में नौ चापाकल और एक जलमीनार है। पांच चापाकल खराब हैं लेकिन इसका सुध लेनेवाला कोई नहीं है। जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने पर भी मरम्मत नहीं करवाई जा रही है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पानी का पाइप भी सभी टोला में नहीं बिछाया गया है। जलमीनार के लिए ठेकेदार और मुंशी से भी शिकायत की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कुछ ऐसा हाल सड़कों का है। ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि अगर मूलभूत समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया जाता है तो वोट का बहिष्कार किया जाएगा। वोट देकर क्या फायदा अगर ग्रामीणों का जन समस्याओं का समाधान ही ना हो। अबकी बार जो भी उम्मीदवार वोट मांगने आएगा, उससे हिसाब लिया जाएगा कि गांव के लिए क्या किया। विरोध जतानेवालों में धनन मुर्मू, रोबिन किस्कू, अभिनव मुर्मू, राम जीवन मुर्मू, अर्नेस्ट मुर्मू, जोगेश किस्कू, जागीर किस्कू, दूरबीन बास्की, बुधनाथ देहरी, जीवन हेंब्रम, नोएल सोरेन, दिनेश किस्कू, पकाई देहरी, अभिनयल किस्कू, जेम्सवार्ड किस्कू, सायमन मुर्मू, सीताराम किस्कू, प्रेमलाल लोहार, बड़त देहरी, शिवचरण देहरी, फूलमुनि टुडू, बाहामुनि हेंब्रम, पनकी महारानी, शांतिलता सोरेन आदि शामिल थे।